लंदन के वैज्ञानिकों ने कैंसर मरीजों के लिए उपचार का एक नया तरीका ढूंढ निकाला है. वैज्ञानिकों ने कैंसर के लिए फोटो इम्यूनोथेरेपी में कामयाबी हासिल कर ली है. यह सर्जरी कीमोथैरेपी, रेडियोथैरेपी और इम्यूनोथेरेपी के बाद कैंसर का पांचवां उपचार का तरीका होगा. फोटो इम्यूनोथेरेपी ने कैंसर के इलाज में उम्मीद की किरण जगाई है. आमतौर पर लोगों को कैंसर के इलाज के लिए कीमोथैरेपी और रेडियोथैरेपी की ही जानकारी होती है, लेकिन फोटो इम्यूनोथेरेपी के आने से लाखों-करोड़ों कैंसर के मरीजों को इलाज में मदद मिलेगी. अगर मरीज को कैंसर होता है तो सबसे पहले इस बात की पुष्टि की जाती है कि मरीज को किस स्तर का कैंसर है. कैंसर के कई चरण होते हैं. मरीज में कैंसर की स्टेज के मुताबिक ही उसका इलाज शुरू किया जाता है.
आइए जानते हैं क्या होती है फोटो इम्यूनोथैरेपी और ये कैंसर मरीजों के इलाज में कैसे फायदेमंद है.
पीआईटी (फोटो इम्यूनोथैरेपी) एक तरह की Molecular Targeted Therapy है जो सामान्य ऊतकों को बिना किसी नुकसान के ब्रेन में मौजूद कैंसर कोशिकाओं को खत्म कर देता है. बीएमसी मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित नए शोध के मुताबिक फोटोइम्यूनोथैरेपी लाइट बेस्ड कैंसर थेरेपी है. जिसे 1983 में ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय, कनाडा में प्रोफेसर जूलिया लेवी और उनके सहयोगियों द्वारा विकसित किया गया था. फोटोइम्यूनोथैरेपी इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में मदद करता है. इससे मरीजों को दर्द और अधिक दिन तक अस्पताल में रुकने से निजात मिलेगी.
कैसे काम करती है फोटोइम्यूनोथैरेपी
इसमें उन छोटे छोटे सेल्स को भी खत्म किया जा सकेगा, जो पिछली थैरेपी में रह जाते थे. आईसीआर और मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ सिलेसिया, पोलैंड के शोधकर्ताओं की टीम ने अपनी रिसर्च में पाया कि ग्लियोब्लास्टोमा जैसे मस्तिष्क के कैंसर को अधिक प्रभावी ढंग से हटाने में फोटो इम्यूनोथैरेपी प्रभावी है.
ग्लियोब्लास्टोमा ब्रेन कैंसर में सबसे सामान्य है. फोटोइम्यूनोथैरेपी के जरिए दिमाग में बहुत छोटे कैंसर सेल्स भी आसानी से नजर आ सकेंगे.
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इस उपचार के बाद भी मरीज का इम्यून सिस्टम मजबूत होगा. मरीज में दोबारा ग्लियोब्लास्टोमा के लक्षण दिखते ही उन्हें रोका जा सकेगा.
लंदन के कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने थैरेपी का चूहों पर सफलता पूर्वक प्रयोग कर लिया है. यह प्रयोग ग्लियोब्लास्टोमा कैंसर से पीड़ित चूहों पर किया गया.
भारत में ब्रेन कैंसर के कितने मामले
WHO के मुताबिक दुनियाभर में हर साल लगभग 8 लाख लोगों की ब्रेन कैंसर से मौत हो जाती है. भारत में हर साल ब्रेन कैंसर के तकरीबन 50 हजार मामले सामने आते हैं. ब्रेन कैंसर बढ़ने की बड़ी वजह है खराब लाइफस्टाइल और टेक्नोलॉजी का ज्यादा इस्तेमाल. अपनी जीवनशैली में सुधार लाकर आप काफी हद तक कैंसर जैसी बीमारियों से दूर रह सकते हैं.