देशभर में कोरोना के मामले फिर से बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं. जिसको लेकर कल प्रधानमंत्री मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ समीक्षा बैठक की. जिसमें उन्होंने राज्यों में बढ़ रहे कोरोना के मामलों को लेकर चर्चा की. इस वर्चुअल बैठक में मोदी ने सभी राज्यों के कोरोना की आंकड़ों की समीक्षा की, साथ ही इस महामारी से निकलने के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों को टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट स्ट्रेटेजी के बारे में समझाया. आइए आपको बताते हैं कि क्या है ये स्ट्रैटेजी, जिसके तहत सरकार कोरोना को मात देने की योजना बना रही है.
क्या है टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट स्ट्रेटेजी?
इस स्ट्रेटेजी के तहत राज्यों को उन इलाकों में रहने वाले लोगों को कोरोना वैक्सीन देने पर ज्यादा फोकस किया जाएगा, जहां कोरोना महामारी का असर कम है या जहां कोरोना के कम मामले हैं. यहां बड़े पैमाने पर टेस्टिंग भी कराई जाएगी ताकी अगर कोरोना का कोई मामला आता भी है तो उसे जल्द से जल्द ट्रैक करके उसका इलाज कराया जाए. इससे बाकि लोगों में भी कोरोना नहीं फैल सकेगा. ऐसा करने से राज्य धीरे-धीरे कोरोना मुक्त हो सकेंगे.
बच्चों का टीकाकरण है प्राथमिकता
मुख्यमंत्रियों से बातचीत के दौरान, प्रधान नरेंद्र मोदी ने इस बात पर भी कर दिया कि महामारी के नए चरण में सभी पात्र बच्चों को वैक्सीन देना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. खासतौर पर उन बच्चों को वैक्सीन देना बेहद जरूरी है जो लंबे अंतराल के बाद वापस से स्कूल जा रहे हैं. पीएम ने कहा, "एक लंबे ब्रेक के बाद, हमारे देश में स्कूल फिर से खुल गए हैं। कुछ माता-पिता कुछ जगहों पर मामलों के बढ़ने को लेकर चिंतित हैं. कुछ स्कूलों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि वहां के बच्चे कोविड -19 पॉजिटिव पाए गए हैं. हालांकि यह संतोष की बात है कि कई बच्चों को टीकों के जरिए सुरक्षा भी मिली है. अब तक 12 साल के ऊपर के बच्चों को वैक्सीन लेने की अनुमति थी, लेकिन अब 6 से 12 साल के बच्चों को भी कोविड वैक्सीन लेने की अनुमति है."