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Red Alert for Heatwave: मौसम विभाग कब और कैसे जारी करता है रेड अलर्ट... साथ ही जानें खुद को गर्मी से बचाने के अचूक उपाय

Red Alert for Heatwave: हीटवेव के लिए रेड अलर्ट एक चेतावनी है जो दिखाती है कि गंभीर हीटवेव दो दिनों से ज्यादा समय तक बनी हुई है या गर्मी/गंभीर हीटवेव दिनों की कुल संख्या छह से ज्यादा है.

Delhi Heatwave (Photo/PTI) Delhi Heatwave (Photo/PTI)
हाइलाइट्स
  • खुद को गर्मी से बचाने के करें उपाय

  • हीटवेव रेड अलर्ट को समझना जरूरी

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने रविवार, 19 मई से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में लू के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. IMD का अनुमान है कि इन क्षेत्रों में अगले पांच दिनों तक लू की स्थिति बनी रहेगी. यह चेतावनी तब आई है जब दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे प्रमुख शहरों में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के आसपास और उससे ऊपर पहुंच गया है. 

हीटवेव क्या है और इसे कैसे जारी किया जाता है?

आईएमडी के अनुसार, हीटवेव हवा के तापमान की एक स्थिति है. ये इंसानों के साथ-साथ जानवरों के लिए भी बहुत खतरनाक हो सकती है. ये तापमान हर क्षेत्र के लिए अलग-अलग हो सकता है. उदाहरण के लिए, हीटवेव तब मानी जाती है जब मैदानी इलाकों के लिए अधिकतम तापमान कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए कम से कम 30 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तक पहुंच जाता है. तटीय क्षेत्रों में, यह तब होता है जब अधिकतम तापमान सामान्य से 37°C या ज्यादा होता है.

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हीटवेव की चेतावनी तब जारी की जाती है जब मौसम संबंधी उप-मंडल के भीतर कम से कम दो स्टेशनों में कम से कम दो दिनों तक ऐसा तापमान दर्ज किया जाता है. ये शर्तें पूरी होने के दूसरे दिन अलर्ट घोषित किया जाता है.

गंभीर हीटवेव क्या होती है?

जब तापमान सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस या अधिक बढ़ जाता है तो हीटवेव को गंभीर श्रेणी में डाला जाता है. आमतौर पर, मई भारत में लू के लिए चरम महीना होता है. ये हीटवेव पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ हिस्सों, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कभी-कभी तमिलनाडु और केरल सहित विशाल क्षेत्रों को प्रभावित करती हैं. मई के दौरान अधिकतम तापमान 45°C से ऊपर राजस्थान और महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्र में सबसे ज्यादा देखा जाता है.

हीटवेव रेड अलर्ट को समझना

हीटवेव के लिए रेड अलर्ट एक चेतावनी है जो दर्शाता है कि गंभीर हीटवेव दो दिनों से ज्यादा समय तक बनी हुई है या गर्मी/गंभीर हीटवेव दिनों की कुल संख्या छह से ज्यादा है. यह चेतावनी सभी उम्र में गर्मी से जुड़ी बीमारी और हीट स्ट्रोक होने की संभावना को देखकर दी जाती है. बुजुर्ग, बच्चे और पुरानी बीमारियों वाले व्यक्ति, को इससे ज्यादा खतरा होता है. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक, 1998 और 2017 के बीच हीटवेव से 1,66,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. 
बता दें, आईएमडी हीटवेव अलर्ट का एक पूरा स्पेक्ट्रम है. इसमें पीले से लेकर लाल तक रंग होते हैं. गर्मी की गंभीरता के हिसाब से ये अलर्ट जारी किए जाते हैं.

लू के प्रभाव को कम करने के लिए सावधानियां

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने हीटवेव के प्रभाव को कम करने के लिए कई उपाय बताए हैं- 

- धूप में निकलने से बचें: गर्मी अपने चरम पर हो तो बाहर निकलने से बचें.  आमतौर पर दोपहर से 3 बजे के बीच घर के अंदर ही रहें.

- हल्के कपड़े पहनें: टोपी, छाते का उपयोग करें और हल्के रंग के, ढीले सूती कपड़े पहनें.     

-हाइड्रेटेड रहें: खूब पानी पिएं, भले ही प्यास न लगी हो. शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक से बचें क्योंकि ये शरीर को डीहाइड्रेट करते हैं. इसके बजाय, ओआरएस, घर पर बनी ड्रिंक जैसे लस्सी, नींबू पानी, छाछ और तोरानी (चावल का पानी) का सेवन करें. 

-शरीर को ठंडा रखें: बाहर काम करते समय ठंडे रहने के लिए सिर, गर्दन, चेहरे और अंगों पर गीले कपड़े का उपयोग करें.