नवरात्रि के नौ दिनों में बहुत से लोग व्रत या उपवास रखते हैं. और उपवास में खाने से संबंधित बहुत से नियम होते हैं जिनका पालन करना जरूरी होता है. उपवास के दौरान लोग सामान्य नमक की बजाय सेंधा नमक खाते हैं जो अनरिफाइंड नमक है. हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि इस नमक का सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा है लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं कि सेंधा नमक के सेवन का आपके शरीर पर किस तरह का प्रभाव होता है.
एक्सपर्ट्स की माने तो व्यक्ति को प्रति भोजन 1.5 ग्राम से कम सेंधा नमक खाना चाहिए. और जब सेंधा नमक की बात हो तो इसके फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं. इसलिए किसी न्यूट्रिशनिस्ट से इसके बारे में अच्छे से सलाह लेकर ही डाइट प्लान तैयार करना चाहिए.
सेंधा नमक खाने फायदे
आयुर्वेद के मुताविक, यह सेंधा नमक एल्केलाइन होने के कारण पाचन में सहायता कर सकता है. कहते हैं कि यह सीने में जलन, GERD, सूजन, पाचन संबंधी समस्याओं और कब्ज में सुधार करने के लिए जाना जाता है. टेबल नमक की तुलना में, इस नमक में सोडियम की मात्रा कम होती है. यह हाई BP वाले व्यक्तियों या जिन्हें सोडियम सेवन सीमित करने की सलाह दी जाती है, उनके लिए फायदेमंद हो सकता है.
साथ ही, सेंधा नमक भूख में सुधार कर सकता है और आंतों को साफ कर सकता है. सेंधा नमक खासतौर पर व्रत में ही खाया जाता है. लेकिन कभी-कभी इसे सामान्य दिनों में खाना भी आपकी हेल्थ के लिए अच्छा हो सकता है.
क्या हैं नुकसान
सेंधा नमक में मिनरल्स की मात्रा सीमित होता है. इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, जस्ता, लोहा जैसे ट्रेस खनिज होते हैं, लेकिन उनकी मात्रा बहुत कम होती है. इस कारण यह बैलेंस्ड डाइट के लिए यह पर्याप्त नहीं है. टेबल नमक आयोडीन से भरपूर होता है, जो थायरॉइड फ़ंक्शन के लिए एक महत्वपूर्ण मिनरल है. सिर्फ सेंधा नमक खाने से आयोडीन की कमी हो सकती है, खासकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों मेंय
हमारा शरीर सोडियम सहित इलेक्ट्रोलाइट्स के संतुलन पर निर्भर करता है. बहुत ज्यादा कम सोडियम सेवन से सिरदर्द, थकान और मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है. ऐसे में, सेंधा नमक के साथ ऐसा कोई सप्लीमेंट लें जो आपकी बाकी जरूरतों को पूरा करे. डॉक्टर से कंसल्ट करके आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आप नवरात्रि के व्रत का पालन करते हुए अपनी पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करें.