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किस फॉर्म में दिया जाएगा बूस्टर डोज, 10 जनवरी से पहले लिया जाएगा ये फैसला

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि टीकों का मिश्रण और मिलान के अधिक प्रभावी होने की संभावना है. क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर के वरिष्ठ वैक्सीन विशेषज्ञ गगनदीप कांग ने कहा, "बूस्टर डोज के  बेहतर काम करने की संभावना है, लेकिन सुरक्षा और प्रभावशीलता दोनों पर नजर रखने की जरूरत है."

टीकाकरण के बाद शरीर में नौ महीने तक एंटीबॉडीज  रहते हैं. टीकाकरण के बाद शरीर में नौ महीने तक एंटीबॉडीज रहते हैं.
हाइलाइट्स
  • टीकाकरण के बाद शरीर में नौ महीने तक रहते हैं एंटीबॉडीज 

  • 10 जनवरी से पहले मिल जाएगी स्पष्ट जानकारी 

यूं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से अधिक उम्र के नागरिकों के लिए बूस्टर डोज़ का ऐलान कर दिया है लेकिन यह बूस्टर डोज पहले दो डोज के जैसी दी जाएगी या फिर मिक्स्ड फॉर्म में दी जाएगी, ये तय होना अभी बाकी है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने गुरुवार को यह जानकारी दी कि केंद्र इस संबंध में 10 जनवरी से पहले फैसला ले लेगा. विशेषज्ञों का मानना ​​है कि टीकों का मिश्रण और मिलान के अधिक प्रभावी होने की संभावना है. क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर के वरिष्ठ वैक्सीन विशेषज्ञ गगनदीप कांग ने कहा, "बूस्टर डोज के  बेहतर काम करने की संभावना है, लेकिन सुरक्षा और प्रभावशीलता दोनों पर नजर रखने की जरूरत है."

टीकाकरण के बाद शरीर में नौ महीने तक रहते हैं एंटीबॉडीज 

इसके अलावा, आईसीएमआर के महानिदेशक, डॉ बलराम भार्गव  ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण के बाद व्यक्ति में नौ महीने या उससे अधिक समय तक कोविड के एंटीबॉडीज मौजूद रहते हैं और वैक्सीन की एक बूस्टर डोज़ जो लोगों को दी जाएगी, वह संक्रमण, अस्पताल में भर्ती और मृत्यु की गंभीरता को कम करने के लिए है. उन्होंने कहा कि हाइब्रिड इम्युनिटी, जो टीकाकरण और प्राकृतिक संक्रमण के परिणामस्वरूप विकसित होती है, दूसरी डोज के बाद एक मजबूत रिस्पॉन्स और मजबूत एंटीबॉडी टाइट्स बनाती है.

10 जनवरी से पहले मिल जाएगी स्पष्ट जानकारी 

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “हम उन सभी उपलब्ध आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं कि कौन सा टीका किस लाभार्थी को दिया जा सकता है. चाहे वह पहले दिए गए डोज जैसा हो या उससे अलग हो. 10 जनवरी (जनवरी) से पहले, हमारे पास उसी पर स्पष्ट जानकारी होगी. इस विषय पर दवा नियंत्रक और राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) बैठक कर रहे हैं, और यह निर्णय जल्द ही लिया जाएगा.”