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क्लिंग फिल्म क्या होते हैं? खाने को इसमें लपेटना कितना सेफ है? ऐसे Foods के लिए भूलकर भी न करें क्लिंग फिल्म्स का इस्तेमाल

घर पर खाने को बर्तनों में पैक करना हो या रेस्टोरेंट में खाने को सील करके होम डिलीवरी करनी हो..क्लिंग फिल्म का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है. इसकी मदद से खाना आप तक पहुंचने से पहले "गर्म और ताज़ा" दिखता है.

cling film cling film

अखबार में खाना लपेटकर रखने और खाने को लेकर हाल ही में एफएसएसएआई ने एडवाइजरी जारी की थी. जिसमें कहा गया था कि न्यूज पेपर के इंक में ऐसे रसायन मौजूद होते हैं जोकि भोजन के जरिए शरीर में पहुंच सकते हैं. हालांकि न्यूजपेपर के अलावा भी ऐसे कई पैकेजिंग मटीरियल इस्तेमाल होते हैं जिनपर हम कभी गौर नहीं करते लेकिन ये भी हमारी सेहत के लिए उतने ही नुकसानदायक होते हैं, जितने कि अखबार.

इन्ही में से एक है क्लिंग फिल्म. घर पर खाने को बर्तनों में पैक करना हो या रेस्टोरेंट में खाने को सील करके होम डिलीवरी करनी हो..क्लिंग फिल्म का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है. इसकी मदद से खाना आप तक पहुंचने से पहले "गर्म और ताज़ा" दिखता है.

क्लिंग फिल्में सेफ क्यों नहीं होती हैं?

जब आप गर्म खाने को प्लास्टिक रैप या क्लिंग फिल्म से पैक करते हैं जो इसमें मौजूद रसायन आपके खाने में प्रवेश कर सकते हैं. कभी-कभी, प्लास्टिक पैकेजिंग के जरिए खाने में गैसों या लिक्विड मिल जाते हैं, इससे भोजन का ऑक्सीकरण हो सकता है और भोजन में रोगाणुओं की संख्या बढ़ने का खतरा होता है.

ये कैमिकल आपके शरीर को कैसे नुकसान पहुंचाते हैं?

प्लास्टिक एक प्रमुख एंडोक्राइन डिसरपटर है. इसमें मौजूद बिस्फेनॉल-ए ब्लड फ्लो में हार्मोन की नकल करता है. यह एस्ट्रोजेन हॉर्मोन की मिमिक्री करता है. ये सभी endocrine-disrupting कैमिकल होते हैं जोकि आपके हार्मोन को ब्लॉक या प्रभावित करते हैं. हेल्दी endocrine सिस्टम के लिए हेल्दी हॉर्मोन की जरूरत होती है क्योंकि ये विकास, प्रजनन जैसी प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं. महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम या पीसीओएस इन दिनों तेज़ी से बढ़ा है. यह हार्मोनल असंतुलन के कारण हो सकता है. इसका एक कारक प्लास्टिक भी हो सकता है.

ऐसे फूड्स को क्लिंग फिल्म में नहीं लपेटना चाहिए

ऐसे फूड आइटम्स जो बहुत गर्म हों या तुरंत पकाए गए हों, उसे प्लास्टिक रैप करने से बचें. इसके अलावा कटे हुए फल, सब्जियां या ऐसे फूड को एसिडिक नेचर के हो उन्हें क्लिंग फिल्म में नहीं लपेटना चाहिए. कम समय की पैकेजिंग के लिए क्लिंग फिल्म का इस्तेमाल ठीक है, खाने को रातभर इसमें पैक करके बिल्कुल भी न छोड़ें. पनीर, तले हुए मांस या पेस्ट्री जैसे हाई फैट फूड को इनमें लपेटकर न रखें, ऐसा इसलिए है क्योंकि क्लिंग फिल्म इन्हें वायुरोधी बनाते हैं. पनीर, फल और सब्जियों जैसी चीजों को हवा की जरूरत होती है. एयर टाइट होने की वजह से मांस और मछलियों जैसे खाद्य पदार्थ पानी छोड़ देते हैं, जिससे खाने में बैक्टीरिया का विकास हो सकता है. क्लिंग फिल्म का उपयोग ओवन में नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह भोजन को पिघला सकता है और दूषित कर सकता है.

प्लास्टिक की जगह क्या हो सकते हैं विकल्प

खाने को कवर करने के लिए स्टील या सिरेमिक कंटेनर और ढक्कन वाले जार बेस्ट होते हैं, भोजन को कांच या सिरेमिक कंटेनर में स्टोर करें लेकिन जब बात होम डिलीवरी की हो तो बटर पेपर, कुल्हड़ और सिलिकॉन पाउच सबसे अच्छे विकल्प हो सकते हैं. प्लास्टिक रैप की जगह टिन फॉइल का इस्तेमाल करें.

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