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World Vitiligo Day 2023: क्यों मनाया जाता है विश्व विटिलिगो डे, क्या है यह बीमारी, इन उपायों से सफेद दाग के असर को कर सकते हैं कम

Vitiligo एक तरह की ऑटो इम्यून बीमारी है. जिसमें खुद के शरीर की कोशिकाएं दूसरे को नष्ट करने लगती हैं. ये बीमारी एक से दूसरे को छूने से नहीं फैलती है. इस बीमारी का लक्षण आमतौर पर 20 साल की उम्र से पहले दिखाई देता है.

 छूने से नहीं फैलती है विटिलिगो की बीमारी (फोटो प्रतीकात्मक) छूने से नहीं फैलती है विटिलिगो की बीमारी (फोटो प्रतीकात्मक)
हाइलाइट्स
  • हर साल 25 जून को मनाया जाता है वर्ल्ड विटिलिगो डे 

  • विटिलिगो एक तरह की त्वचा से जुड़ी बीमारी है

हर साल पूरी दुनिया में 25 जून को वर्ल्ड विटिलिगो डे मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करना है. सबसे पहले विटिलिगो दिवस 2011 में मनाया गया था. उस समय संयुक्त राष्ट्र ने हर साल 25 जून को विश्व विटिलिगो दिवस मनाने की घोषणा की थी. हर साल एक थीम के तहत इसे मनाया जाता है. इस साल की थीम विटिलिगो भविष्य की और देखना है. 

त्वचा से जुड़ी है यह बीमारी
विटिलिगो एक तरह की त्वचा से जुड़ी बीमारी है. जिसमें वो कोशिकाएं जो त्वचा के रंग के लिए जिम्मेदार होती हैं, नष्ट होने लगती हैं. मेलानोसाइटिस नाम की ये कोशिकाएं स्किन को कलर देने वाले मेलानिन को बनाना बंद कर देती हैं. जिसकी वजह से खास एरिया पर स्किन का रंग बदल जाता है और वो सफेद हो जाती है. यह सफेद धब्बा धीरे-धीरे बढ़ने लगता है और पूरे शरीर पर फैल जाता है. हालांकि एक्जिमा, सोरायसिस, मिलिया, टीनिया वर्सिकलर जैसी समस्याओं के कारण भी त्वचा पर सफेद धब्बे पड़ जाते हैं. विटिलिगो एक तरह की ऑटो इम्यून बीमारी है. जिसमें खुद के शरीर की कोशिकाएं दूसरे को नष्ट करने लगती हैं. इसलिए ये बीमारी एक से दूसरे को छूने से नहीं फैलती है.

सफेद दाग होने के कारण
1. विटिलिगो यानी त्वचा पर दिखने वाले सफेद धब्बे ऑटोइम्यून बीमारी की वजह से होते हैं. 
2. मिलेनोसाइटिस की कमी के कारण.
3. इम्यून सिस्टम का कमजोर होने के कारण.
4. कभी-कभी फंगल इंफेक्शन के कारण.
5. कई बार सनबर्न की वजह से भी विटिलिगो हो जाता है.
6. पोषक तत्वों की कमी के कारण.
7. केमिकल या हानिकारक पदार्थों के संपर्क में आने पर विटिलिगो होता है.
8. बहुत ही ज्यादा और लंबे समय तक स्ट्रेस में रहना भी विटिलिगो होने की वजह. 

विटिलिगो के लक्षण
1. शरीर पर हल्के पीले या गुलाबी रंग के धब्बे दिखाई देना.
2. उस हिस्से के आसपास के बालों का रंग सफेद होना.
3. उन जगहों में जलन महसूस होना.
4. आमतौर पर ये 20 साल की उम्र से पहले दिखाई देता है.
5. विटिलिगो के लक्षण नाक और होंठों के आसपास की त्वचा पर सबसे पहले दिखते हैं. 

ये कर सकते हैं उपाय
शरीर पर विटिलिगो के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उचित सलाह के बाद ट्रीटमेंट शुरू करें. कुछ घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं. जैसे विटिलिगो होने पर एंटी-एजिंग गुणों और एंटीवायरल गुणों से भरपूर तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल किया जा सकता है. तुलसी के पत्तों का रस नींबू के रस के साथ मिला लें. दोनों रसों के मिश्रण को मेलानिन का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए स्किन पर लगाया जा सकता है. अच्छे असर के लिए इसे रोजाना लगा सकते हैं. 
पपीता: पपीता स्किन को कई तरह के फायदे देता है. पपीते को विटिलिगो वाली त्वचा पर मल सकते हैं. इससे विटिलिगो के पैचेस कम होने में असर दिख सकता है. पपीते का जूस पीना भी फायदेमंद हो सकता है. 
लाल मिट्टी: लाल मिट्टी या रेड क्ले विटिलिगो पर लगाई जा सकती है. इस्तेमाल के लिए एक चम्मच अदरक के रस में दो चम्मच लाल मिट्टी मिला लें. इसे विटिलिगो के पैचेस पर रोजाना लगाने पर असर दिखता है. 
अखरोट: अखरोट को खाने पर शरीर को वो गुण मिलते हैं जो विटिलिगो को दूर करने में फायदेमंद साबित हो सकते हैं. अखरोट के सेवन के अलावा त्वचा पर अखरोट को पीसकर भी लगाया जा सकता है. 
सनस्क्रीन: त्वचा को धूप की हानिकारक किरणों से बचाती है सनस्क्रीन. रोजाना सनस्क्रीन का इस्तेमाल करके विटिलिगो की दिक्कत होने से रोक सकते हैं.