आए दिन कोरोना के नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं, BA.2.75 वैरिएंट के बाद अब रिसर्चर इस बात की तलाश कर रहे हैं कि आगे किस तरह का खतरा हो सकता है. वहीं सोशल मीडिया पर कुछ लोग BA.2.75 और ओमीक्रोन सबवेरिएंट 'सेंटॉरस' के भारत में तेजी से फैलने को लेकर परेशान हैं.
बता दें कि दुनिया भर के 20 से ज्यादा देशों में BA.2.75 का पता चला है, और शोधकर्ता ये जानने की कोशिश में लगे हुए हैं कि क्या BA.2.75 संक्रमण की लहर के बाद ये बीमारी कोरोना जितनी ही खतरनाक होगी.
कई रिसर्च ये दावा करते हैं कि इस नए वैरिएंट में टीकाकरण के बाद इम्यूनिटी क्षमता कोरोना के जितनी ही होगी. साथ ही रिसर्च ये भी बताती हैं कि ज्यादा जनसंख्या वाले क्षेत्र में ये नया वैरिएंट तेजी से फैल सकता है. लेकिन इस सब के बीच राहत की बात ये है कि इस नए वैरिएंट से अब तक किसी भी मरीज के अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आई है.
इस सिलसिले में कुछ दूसरे शोधकर्ताओं का कहना है कि वैक्सीनेशन के बाद डेल्टा वैरिएंट का शिकार होने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई थी. वहीं कुछ रिसर्च ये भी बताती हैं कि B.2.75 ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा सहित कुछ देशों में B.5 के मुकाबले थोड़ा तेजी से फैल रहा है.
रिसर्चर का दावा है कि BA.5 विश्व स्तर पर बढ़ता रहेगा, खास तौर से एशिया और ओशिनिया में BA.5 का सक्रंमण सबसे ज्यादा देखने को मिल सकता है. ओमीक्रोन के सब वैरिएंट जिसे BA.4.6 कहा जाता है, वो BA.2.75 की तरह ही फैलने वाले हैं.
कोई अस्पताल में भर्ती नहीं
शोधकर्ताओंं ने इस बात पर जोर दिया है कि B.2.75 से अब तक किसी भी मरीज के अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आई है इसका सारा श्रेय वैक्सीनेशन को ही जाता है. वैक्सीनेशन के बाद लोगों में हाइब्रिड इम्युनिटी काफी हद तक दूसरे वैरिएंट से लड़ने में उनकी हिफाजत कर रही है.