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Medical Tests List for Women: 30 साल से ज्यादा है उम्र तो हर महिला को कराने चाहिए ये मेडिकल टेस्ट, कई बड़ी बीमारियों से हो सकता है बचाव

अपने घर-परिवार की जिम्मेदारियों के चलते अक्सर महिलाएं अपना ध्यान रखना भूल जाती हैं. और जरा सी लापरवाही बड़ी बीमारी का कारण बन सकती है. इसलिए 30 की उम्र के बाद महिलाओं को रेगुलरली कुछ मेडिकल टेस्ट कराते रहना चाहिए.

Medical test for women  Medical test for women

एक महिला के शरीर में जीवनभर कोई न कोई बदलाव होते रहते हैं. जिससे महिलाओं को समय-समय पर हेल्थ स्क्रीनिंग करानी चाहिए. खासकर अगर आपकी उम्र 30 से ज्यादा है, तो आपको कुछ मेडिकल टेस्ट जरूर कराने चाहिए. 

1. स्तन कैंसर (Breast Cancer) की जांच: 30 साल की उम्र के बाद महिलाओं में स्तन कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है. नियमित मैमोग्राफी कराने से महिलाओं को स्थिति का समय से पता चल जाता है जिससे शुरुआती स्टेज पर ही इस बीमारी को रोका जा सकता है. 

2. सर्वाइकल कैंसर की जांच: सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में गर्भाशय (यूट्रस) के निचले हिस्से में होता है. सर्विक्स में कैंसर सेल्स का पता लगाने के लिए पैप स्मीयर टेस्ट किया जाता है. यह कहा जाता है कि 21 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को कम से कम पांच साल में एक बार पैप स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिए. 

3. बोन डेंसिटी स्क्रीनिंग: महिलाओं में 30 साल की आयु के बाद बोन डेंसिटी कम हो जाता है. इसलिए, उन्हें ऑस्टियोपोरोसिस के लिए नियमित जांच कराने की सलाह दी जाती है. 

4. डायबिटीज की टेस्टिंग: 35 वर्ष से ज्यादा उम्र से ही, महिलाओं को प्रीडायबिटीज या मधुमेह की जांच के लिए हर तीन साल में ब्लड ग्लूकोज टेस्ट कराना चाहिए. अगर कोई महिला मोटापे से ग्रस्त है या उसके परिवार में डायबिटीज की हिस्ट्री है, तो उसे जल्दी जांच करानी चाहिए.

5. ब्लड प्रेशर स्क्रीनिंग: महिलाओं को यह सुनिश्चित करने के लिए अपने ब्लडप्रेशर की जांच करानी चाहिए कि वे हृदय संबंधी किसी बीमारी से पीड़ित तो नहीं हैं. इसके अतिरिक्त, जिन महिलाओं को हाई बीपी या बीपी से संबंधित समस्याओं की जेनेटिक हिस्ट्री है, उन्हें नियमित रूप से अपनी स्क्रीनिंग करानी चाहिए.

6.थायरॉइड टेस्ट: 30 साल से ज्यादा उम्र की महिलाएं, विशेष रूप से जिनके परिवार में थायराइड डिसऑर्डर्स की हिस्ट्री है या जो थकान, वजन में बदलाव या मूड में बदलाव जैसे लक्षणों को अनुभव कर रही हैं, उन्हें किसी डॉक्टर से कंसल्ट करके थायरॉइड टेस्ट कराना चाहिए. 

7. विटामिन D टेस्ट: विटामिन D टेस्ट आपके ब्लड में विटामिन डी के लेवल को मापता है. विटामिन डी हड्डियों और दांतों को स्वस्थ बनाए रखने, इम्यूनिटी सिस्टम, ब्रेन और नर्वस सिस्टम का सपोर्ट करने और इंसुलिन के लेवल को मेंटेन करने के लिए जरूरी है. इसे ब्लड टेस्ट के माध्यम से मापा जाता है. 

8. प्री-मैरिटल हेल्थ टेस्ट: प्री-मैरिटल यानी शादी से पहले के मेडिकल टेस्ट भी बढ़ रहे हैं, जिसमें रक्त संबंधी विकारों जैसे थैलेसीमिया और अन्य हीमोग्लोबिनोपैथिक्स और सेक्सुअली ट्रांसमिटेड बीमारियों की जांच के लिए जरूरी ब्लड टेस्ट शामिल हैं. 

इन पर भी दें ध्यान
इनके अलावा सिज़ोफ्रेनिया और बाइपोलर डिसऑर्डर, मेजर डिप्रेशन जैसी मनोरोग संबंधी समस्याओं की भी जांच करानी चाहिए. हाइपरटेंशन, अस्थमा, मिर्गी जैसी पुरानी बीमारियां भी आपके जीवन पर असर डालती हैं. अगर आपको इन सभी बीमारियों के बारे में पहले से पता हो तो इनका इलाज किया जा सकता है. साथ ही, आप फर्टिलिटी टेस्ट भी करा सकते हैं.