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Cardiovascular Workouts for Women: स्टडी में हुआ खुलासा, पुरुषों से कम एक्सरसाइज करके भी महिलाओं रह सकती हैं सेहतमंद, जानिए खास कार्डियोवस्कुलर वर्कआउट्स के बारे में

Cardiovascular Workouts of Women: एक नई रिसर्च के मुताबिक, पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अपने वर्कआउट से ज्यादा स्वास्थ्य फायदे मिल रहे हैं. आज हम आपको बता रहे हैं महिलाओं के लिए टॉप कार्डियोवस्कुलर वर्कआउट बता रहे हैं.

Cardiovascular Workouts for Women Cardiovascular Workouts for Women

एक नई हेल्थ स्टडी के मुताबिक, पुरुषों की तुलना में महिलाओं को वर्कआउट करने से ज्यादा स्वास्थ्य संबंधी फायदे होते हैं. अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के प्रतिष्ठित जर्नल में प्रकाशित स्टडी में पाया गया कि महिलाओं को काफी कम एक्सरसाइज करने से ही पुरुषों के समान 'सर्वाइवल बेनेफिट्स' यानी समान फायदे मिल जाते हैं. शोध के अनुसार, पुरुषों को पांच घंटे की फिजिकल एक्टिविटी से जो फायदा मिलता है, वही फायदा महिलाओं को एक सप्ताह में 2.5 घंटे की एरोबिक एक्टिविटी से मिल जाता हैं.  

इसका मतलब यह है कि जो महिलाएं नियमित एक्सरसाइज करती हैं, वे अपनी मृत्यु दर के जोखिम को प्रभावशाली ढंग से 24% तक कम कर सकती हैं जबकि पुरुषों में यह 15% ही कम होता है. स्टडी में 1997 से 2019 तक पूरे अमेरिका में 412,413 वयस्कों के व्यापक समूह के हेल्थ डेटा का विश्लेषण किया गया है. स्टडी पीरियड के अंत तक, 39,935 वयस्कों की मृत्यु हो गई थी, जिनमें से 11,670 मौतों का कारण हृदय संबंधी समस्याएं थीं. 

स्टडी से यह भी पता चला कि महिलाएं अगर सप्ताह में एक बार मसल्स स्ट्रेंथ की ट्रेनिंग करें तो उन्हें ज्यादा से ज्यादा फायदा मिलता है जबकि पुरुषों को इस समान फायदे के लिए सप्ताह में कम से कम ऐसे तीन सेशन करने होंगे. 

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महिलाओं के लिए हार्ट-हेल्दी एक्सरसाइज 
महिलाओं की कार्डियोवस्कुलर हेल्थ यानी दिल की सेहत के साथ-साथ अच्छे स्वास्थ्य के लिए हार्ट-हेल्दी एक्सरसाइज महत्वपूर्ण हैं. एरोबिक एक्सरसाइज, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और फ्लेक्सिबल एक्सरसाइज आदि करना जरूरी है. 

1. एरोबिक एक्सरसाइज

  • ब्रिस्क वॉकिंग: यह एक सरल लेकिन प्रभावी एरोबिक व्यायाम जिसे दैनिक जीवन में शामिल करना आसान है. 
  • जॉगिंग या दौड़ना: अगर आप हायर-इंटेंसिटी एक्टिविटीज का आनंद लेते हैं, तो जॉगिंग या दौड़ना हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा हो सकता है.
  • साइकिल चलाना: बाइक चलाना एक कम प्रभाव वाला व्यायाम है जो जोड़ों के लिए ठीक रहता है. 
  • तैराकी: स्वीमिंग पूरे शरीर का वर्कआउट है जो जोड़ों के लिए आसान है. 

2. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग 

  • बॉडीवेट एक्सरसाइज: अपने बॉडीवेट को यूज करके ताकत बनाने के लिए स्क्वैट्स, लंजेस, पुश-अप्स और प्लैंक जैसे व्यायाम शामिल करें.
  • रेजिस्टेंस ट्रेनिंग: मसल्स स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए रेजिस्टेंस बैंड या फ्री वेट्स का उपयोग करें.
  • वेट मशीनें: अगर उपलब्ध हो, तो खास मसल्स ग्रुप को लक्षित करने के लिए जिम में वेट मशीनों का उपयोग करें. 

3. फ्लेक्सिबिलिटी और स्ट्रेचिंग 

  • योग: फ्लेक्सिबिलिटी में सुधार और तनाव को कम करने के लिए फिजिकल पोस्चर, सांस नियंत्रण और ध्यान का संयोजन करना जरूरी है.,
  • पिलेट्स: कोर स्ट्रेंथ, फ्लेक्सिबिलिटी और पूरे मसल्स बैलेंस पर ध्यान केंद्रित करता है.
  • स्ट्रेचिंग रूटीन: फ्लेक्सिबिलिटी में सुधार और चोट को रोकने के लिए डायनैमिक और स्टैटिक स्ट्रेच को शामिल करें.

4. इंटरवल ट्रेनिंग 
हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT) में आप इंटेंस ट्रेनिंग के बाद छोटे-छोटे रेस्ट ब्रेक लेते हैं. यह दिल की सेहत के लिए और साथ ही, टाइम एफिशिएंसी के लिए अच्छी है. 

5. डांसिंग
ज़ुम्बा, एरोबिक डांस, या डांस क्लास: म्यूजिक और सोशलाइजिंग का आनंद लेते हुए अपनी हार्ट रेट बढ़ाने का मजेदार तरीका है यह. 

6. माइंड-बॉडी एक्सरसाइज

  • ताई ची एक्सरसाइज गहरी सांस लेने और ध्यान के साथ धीमी, बहती हुई गतिविधियों को जोड़ती है. 
  • क्यूई गोंग, ताई ची के समान, धीमी, कोमल गतिविधियों और सांस लेने पर ध्यान केंद्रित करता है.

7. कार्डियो क्लास
कार्डियोवास्कुलर एक्सरसाइज क्लास: एक स्ट्रक्चर्ड और एनर्जेटिक वर्कआउट के लिए स्पिन, स्टेप एरोबिक्स, या कार्डियो किकबॉक्सिंग जैसी क्लासेज में भाग लें.

8. आउटडोर एक्टिविटी 
लंबी पैदल यात्रा, जॉगिंग ट्रेल्स, या प्रकृति की सैर जैसी आउटडोर एक्टिविटीज से जुड़ें, जिससे शारीरिक गतिविधि और प्रकृति में रहने के फायदे भी मिलेंगे. 

नया एक्सरसाइज रूटीन शुरू करने से पहले किसी हेल्थकेयर प्रोफेशनल से कंसल्ट करें, खासकर अगर आपको कोई मौजूदा स्वास्थ्य समस्या है. उन गतिविधियों को चुनना महत्वपूर्ण है जिनमें आपको आनंद आता है जिससे नियमित व्यायाम दिनचर्या का पालन करना आसान हो जाता है.