18 मई को हर साल पूरी दुनिया में विश्व एड्स टीकाकरण दिवस मनाया जाता है. यह दिन लोगों में एड्स के प्रति जागरूकता फैलाने के साथ-साथ उन वैज्ञानिकों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने एड्स जैसी गंभीर बीमारी के टीके की खोज की. इस मौके पर आज हम आपको विश्व एड्स टीकाकरण दिवस का इतिहास और महत्व तो महत्व तो बताएंगे ही साथ ही, यह भी बताएंगे कि एड्स के मरीजों के लिए कौन सा आहार फायदेमंद होता है. तो सबसे पहले जानते हैं इसके इतिहास के बारे में.
विश्व एड्स टीकाकरण दिवस कब से मनाया जाता है
18 मई 1997 को मॉर्गन स्टेट यूनिवर्सिटी में अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने एक भाषण दिया था. क्लिंटन ने अपने भाषण में कहा था कि एड्स को फैलने से रोकने और इसे पूरी तरह से खत्म करने में टीका ही एक मात्र कारगर उपाय है. इसी भाषण के बाद से विश्व एड्स टीकाकरण दिवस मनाया जाने लगा. बता दें कि पहली बार इसे मई 1998 में मनाया गया था.
टीका कारगर साबित हुआ
एचआईवी वायरस इम्युनिटी को पूरी तरह से कमजोर कर देता है. जिससे शरीर धीरे-धीरे कमजोर होता जाता है और रोगों से लड़ने की क्षमता को खो देता है. 1980 के दशक में एड्स बीमारी अपने चरम पर था. तब मरीज की मृत्यु एड्स होने के 2 साल के भीतर ही हो जाती थी. लेकिन वैक्सीन ने मृत्यु दर को काफी कम किया. बता दें कि एड्स की दवाई आज तक नहीं बन पाई है.
2019 तक पूरी दुनिया में 38 मिलियन मरीज
2019 की रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में करीब 38 मिलियन लोग एचआईवी से प्रभावित हैं.
फायदेमंद है इन चीजों का सेवन
एड्स के मरीजों को अपने आहार में मिनरल और विटामिन वाले खानों को शामिल करना चाहिए. ताकि इम्युनिटी को स्ट्रांग बनाया जा सके. मरीज साबुत अनाज खा सकते हैं. साबुत अनाज में विटामिन-बी के अलावा फाइबर भी होता है. इसके आलावा बादाम, वेजिटेबल ऑयल और एवोकाडो का सेवन करना काफी फायदेमंद माना जाता है.