उम्र बढ़ने के साथ कई सारी बीमारियां अपने आप ही आ जाती हैं. इमंहीं में से एक है गठिया या अर्थराइटिस. इसी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 12 अक्टूबर को विश्व गठिया दिवस मनाया जाता है. ये दिन लोगों में हड्डियों से जुड़ी इस गंभीर स्थिति के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है. हालांकि, इसके लक्षणों को कम करने और आप कुछ खाने की चीजों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. सहीचीजें खाने से आप अपने वजन को भी संतुलित रख सकते हैं. क्योंकि अगर आपका वजन ज्यादा है तो आपको ये जल्दी पकड़ सकती है.
अगर आपको गठिया है तो इन 8 सुपरफूड्स को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं-
1. जैतून का तेल
ऑलियोकैंथल और ओमेगा -3 फैटी एसिड, जिनमें एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट इफेक्ट होते हैं, जैतून के तेल में प्रचुर मात्रा में होते हैं. इसके अलावा, यह प्रो-एंटी इन्फ्लेमेटरी एंजाइमों को सीनोवायल मेम्ब्रेन को मोटा होने से रोकने में मदद करता है. रूमेटाइड आर्थराइटिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस के मरीजों को खाना बनाते समय जैतून के तेल का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. इससे उन्हें आराम मिल सकता है.
2. ब्रोकोली
सबसे पौष्टिक सब्जियों में ब्रोकली को गिना जाता है. इसे सूजन को कम करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा, ब्रोकोली में महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं जो गठिया के लक्षणों और इससे होने वाली परेशानियों को कम कर सकते हैं. सल्फोराफेन की तरह, ब्रोकोली में पाया जाने वाला एक पदार्थ जिसे रूमेटोइड कहते हैं गठिया को बढ़ने से रोकता है.
3. अदरक
अदरक शरीर में सूजन पैदा करने वाले रसायनों के उत्पादन को रोकने में मदद करता है. इसके अलावा, अदरक का अर्क गठिया से जुड़े एक इन्फ्लेमेटरी मार्कर के लेवल को कम कर सकता है. ताजा अदरक, चूर्ण या सूखे रूप में सेवन करने से गठिया के लक्षणों और सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है.
4. प्याज
क्वेरसेटिन, एक बायोफ्लेवोनॉइड एंटीऑक्सिडेंट है जो सूजन को कम करता है, ये प्याज में प्रचुर मात्रा में होता है. यह गठिया के जोड़ों से निजात दिलाने में मदद करता है. प्याज भारतीय खाने का एक प्रमुख हिस्सा है, जिसे अलग-अलग तरीके से खाया जा सकता है.
5. केला
केला पोटेशियम, विटामिन और फोलिक एसिड से भरपूर होता है. पोटेशियम से भरपूर केला गठिया से संबंधित जोड़ों के दर्द के साथ-साथ हड्डियों के नुकसान को कम करने में सहायता करता है. इसके अलावा, इसमें एंटी-कैल्सीफिकेशन गुण होते हैं जो हड्डियों के स्वास्थ्य को काफी बढ़ाते हैं.
6. लहसुन
लहसुन का एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण गठिया के लक्षणों को कम करने में सहायता कर सकता है. इसके अलावा ये हमारी इम्यूनिटी को मजबूत करने में मदद करता है. लहसुन गठिया के लक्षणों को कम कर सकता है और सामान्य स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है.
7. ग्रीन टी
एपिगैलोकैटेचिन-3-गैलेट (EGCG), एक एंटीऑक्सिडेंट, और पॉलीफेनोल्स, दोनों ही ग्रीन टी में प्रचुर मात्रा में होते हैं, ये सूजन और परेशानी को कम करने में मदद करते हैं. जबकि पॉलीफेनोल्स कार्टिलेज को स्वस्थ रखें में मदद करते हैं.
8. फैटी फिश
सैल्मन और टूना फैटी मछली उन प्रजातियों में से हैं जिनमें ओमेगा -3 फैटी एसिड में उच्च मात्रा होती है. इनमें मजबूत एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. इसके अलावा फिश में विटामिन डी भी होती है. कई अध्ययनों में पाया गया है कि विटामिन डी के कम स्तर को रूमेटोइड गठिया से जोड़ा गया है.