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World Autoimmune Arthritis Day: गठिया को न लें हल्के में, बेहद खतरनाक है यह बीमारी, बुजुर्गों ही नहीं युवाओं को भी लेती है जकड़, जानें लक्षण से लेकर बचाव के उपाय

डॉक्टरों के अनुसार गठिया की बीमारी सिर्फ बुजुर्गों में ही नहीं बल्कि अब यह युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रही है. गठिया का एक प्रकार ऐसा भी है, जो नवजात शिशुओं में हो सकता है. समय रहते इस रोग का इलाज कराना चाहिए.

 गठिया की बामारी है बेहद खतरनाक (प्रतीकात्मक फोटो) गठिया की बामारी है बेहद खतरनाक (प्रतीकात्मक फोटो)
हाइलाइट्स
  • हर साल 20 मई को मनाया जाता है विश्व ऑटोइम्यून ऑर्थराइटिस दिवस

  • गठिया होने पर मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द की रहती है शिकायत 

हर साल 20 मई को विश्व ऑटोइम्यून ऑर्थराइटिस दिवस मनाया जाता है. गठिया की बीमारी यू तो बहुत आम है, लेकिन फिर भी कई लोगों को इसकी गंभीरता के बारे ज्यादा जानकारी नहीं है. आर्थराइटिस के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से इस दिवस को मनाया जाता है.  गठिया रोग जोड़ों की बीमारी होती है, जिसमें सूजन, चलने-फिरने की दिक्कत, अत्यधिक दर्द की शिकायत मुख्य होती हैं.

गठिया दिवस पहली बार 20 मई 2012 को वैश्विक स्तर पर मनाया गया था. इंटरनेशल फाउंडेशन फॉर ऑटोइम्यून एंड एंटीइंफ्लेमेटरी ऑर्थराइटिस ने इसकी शुरुआत की थी. गठिया रोग के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए इस दिन विश्व भर में सेमिनार, वाद-विवाद, शैक्षिक अभियान आदि जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इसमें मरीज से लेकर गठिया और मेडिकल के विशेषज्ञ शामिल होते हैं.

क्यों होती है आर्थराइटिस की समस्या
आर्थराइटिस यानी गठिया जोड़ों की ऐसी बीमारी में जिसको समय रहते ठीक न किए जाने पर मरीज को असहनीय दर्द की शिकायत हो सकती है. यह बीमारी गलत लाइफस्टाइल के कारण भी हो सकती है और जेनेटिक कारणों से भी. ऑटोइम्यून आर्थराइटिस के कई प्रकार होते हैं, जिनमें रूमेटाइट आर्थराइटिस, ओस्टियो आर्थराइटिस और एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस मुख्य माने जाते हैं. बुढ़ापे में लोग जोड़ों के दर्द का शिकार होते हैं तो इसकी वजह ओस्टियो आर्थराइटिस होती है.

इस बीमारी में जोड़ों का घिसाव सिकुड़ जाता है और जोड़ों की हड्डियों को किनारों से कवर करने वाले टिश्यूज डैमेज हो जाते हैं. इस कारण हड्डियों के बीच होने वाले घृषण से दर्द की समस्या होती है. रूमेटाइड आर्थराइटिस वो समस्या है, जिसमें अपने ही शरीर के रोग प्रतिरोधक तंत्र में कुछ गड़बड़ी होने के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता जोड़ों के टिश्यूज पर अटैक करने लगती है और रोगी को तेज दर्द का सामना करना पड़ता है. कई केसेज में यूरिक एसिड बढ़ने के कारण भी आर्थराइटिस की समस्या हो जाती है. 

सालों तक भ्रम में रहते हैं मरीज
इन ऑटोइम्यून बीमारियों का सबसे बड़ा नुकसान समय पर रोग की पहचान नहीं होना है. एक मरीज सालों तक इसी भ्रम में रहता है कि उसे दर्द सर्वाइकल या फिर मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से हो रहा है. वह दर्द निवारक गोलियों का सेवन करता है. व्यायाम करता है. जब इनमें से किसी से आराम नहीं मिलता, तब इलाज कराने डॉक्टर के पास पहुंचता है. तब तक यह बीमारियां उसके शरीर खासतौर पर जोड़ों को काफी नुकसान पहुंचा चुकी होती है.

सिगरेट और शराब का नहीं करें सेवन
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के एक अध्ययन के मुताबिक मोटापे से जूझ रहे तीन में से एक व्यक्ति को आर्थराइटिस या गठिया है, जबकि तीन में से दो अमेरिकियों का या तो वजन ज्यादा है या वे मोटापे से ग्रस्त हैं. दिल्ली एम्स का एक अध्ययन बताता है कि सिगरेट और शराब का सेवन गठिया रोगियों के लिए एक ट्रिगर का काम करता है. ऐसे मरीजों में दवाओं का असर भी कम होता है.

अर्थराइटिस के लक्षण 
1. मांसपेशियों में दर्द रहना.
2. जोड़ों में दर्द की समस्या.
3. सामान्य मूवमेंट पर भी शरीर में असहनीय दर्द होना. 
4. बार-बार बुखार आना.
5. हमेशा थकान और सुस्ती महसूस होना.
6. ऊर्जा के स्तर में गिरावट आना.
7. भूख की कमी हो जाना. 
8. वजन का घटने लगना. 
9. शरीर पर लाल चकत्ते पड़ जाना. 
10. जोड़ों के पास की त्वचा पर गांठें बन जाना.

अर्थराइटिस से बचाव के तरीके
1. गुनगुने पानी से ही स्नान करें. इससे आपके शरीर में अर्थराइटिस के दर्द को कम करने की क्षमता उत्पन्न होगी.
2. समय-समय पर डॉक्टर से संपर्क करें. इस रोग के दर्द से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर ही सही सलाह दे सकते हैं. 
3. वजन कम करें. यदि आपका वजन बढ़ जाता है तो ऐसे में आर्थराइटिस की समस्या और अधिक परेशान कर सकती है. 
4. व्यायाम करना भी फायदेमंद होता है. डॉक्टर और एक्सपर्ट की सलाह से ही व्यायाम करें. 

घरेलू उपचार 
1. जैतून के तेल से गठिया को मरीजों को जोड़ों की मालिश करनी चाहिए. इससे दर्द कम हो जाता है.
2. सोने जाने से पूर्व गठिया के रोगियों को जोड़ो पर सिरके से मसाज करनी चाहिए. ये भी दर्द को कम कर सकता है.
3. शोध से इन बातों का भी खुलासा हुआ है कि समुद्र के पानी से स्नान करने से भी अर्थराइटिस रोगियों के दर्द में आराम मिलता है.
4. अरंडी के तेल से मालिश करने पर भी गठिया के रोगियों को तीव्र दर्द से आराम मिलता है.

दिनचर्या सुधारने की जरूरत
1. जो लोग गठिया से पीड़ित हैं, उन्हें दवाओं के साथ-साथ अपनी दिनचर्या को भी सुधारने की जरूरत है.
2. सुबह उठने के बाद सूर्य नमस्कार शरीर को लचीला बनाने में मदद कर सकता है.
3. दिन और रात के भोजन में हरी सब्जियां और फलों का सेवन करना चाहिए.
4. सुबह और शाम व्हीट ग्रास जूस फायदेमंद हो सकता है.
5. विटामिन और कैल्शियम के साथ शरीर में प्रोटीन की मात्रा की निगरानी भी रखें.