रक्तदान का मतलब है किसी की जिंदगी बचाना. कई बार, एनीमिया, हीमोफिलिया, कैंसर और सिकल सेल रोग जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों को जीवित रहने के लिए बल्ड की जरूरत होती है. इसलिए बहुत जरूरी है कि देश के नागरिक रक्तदान करें. रक्तदान या ब्लड डोनेशन (Blood Donation) के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस (World Blood Donor Day) मनाया जाता है.
सबसे दिलचस्प बात है कि रक्तदान करने से न केवल ब्लड लेने वाले को बल्कि डोनर को भी मदद मिलती है. रेगूलर ब्लड डोनेशन से वजन बढ़ने से कंट्रोल कर सकते हैं. आपका लीवर इससे स्वस्थ रहता है और रक्त संचार भी बेहतर होता है. हालांकि, ब्लड डोनेशन हर कोई नहीं कर सकता है.
ब्लड डोनेट करने के लिए आपकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही, आप एक स्वस्थ्य और फिट होने चाहिएं. आपके ब्लड में हीमोग्लोबिन की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए. और तीन महीने में आपको सिर्फ एक बार ब्लड डोनेट करना चाहिए. लेकिन आज भी देश में समय पर ब्लड न मिल पाने से कई बार लोगों की जान चली जाती है.
इसलिए आज बहुत से लोगों ने ब्लड डोनेशन को अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया है. आज World Blood Donor Day के मौके पर हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे ही हीरोज के बारे में.
1. ज्योतिंद्र मिठानी
भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद फरवरी 1977 में ज्योतिंद्र मिठानी ने भारतीय सेना के लिए रक्तदान की रेडियो अपील सुनी और वे तुरंत इसके लिए तैयार हो गए. उन्होंने देश में ब्लड की कमी के बारे में सुना, विशेष रूप से सेना में सैनिकों के लिए और इसके बाद से वह लगातार ब्लड डोनेट कर रहे हैं.
मुंबई में एक स्टॉकब्रोकिंग फर्म में काम करने वाले ज्योतिंद्र पिछले 42 वर्षों से हर तीन महीने में रक्तदान कर रहे हैं. वह मुंबई के कई अस्पतालों जैसे विले पार्ले के नानावटी और गिरगांव के सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल आदि में रक्तदान करने के लिए गए हैं. रक्तदान को उन्होंने अपने जीवन का मिशन बना लिया है.
2. चेतन एम गौड़ा
चेतन एम गौड़ा सिर्फ 14 साल के थे जब समय से ब्लड नहीं मिल पाने के कारण उनके शिक्षक की मृत्यु हो गई. चेतन ने जब इस बारे में रिसर्च की तो उन्हें पता चला कि देश में ब्लड की कमी से लाखों सोग अपनी जान गंवा देते हैं. इस सबको सही करने के लिए चेतन ने एक पहल की. हेल्थ केयर यूनिट्स और ब्लड बैंकों को आपातकालीन स्थिति में ब्लड डोनर्स से जोड़ने के लिए उन्होंने जाह्नवी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के तहत 2016 में खून नामक एक संगठन की स्थापना की.
साल 2016 से यह संगठन लगातार ब्लड डोनेशन पर काम कर रहा है. उनकी टीम में 60 से ज्यादा लोग हैं और संगठन बेंगलुरु में स्थित है. उनकी टीम ने कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और असम में 35 से ज्यादा रक्तदान शिविर आयोजित किए हैं. देश भर में इस संगठन से लगभग एक लाख ब्लड डोनर रजिस्टर हैं.
3. किरण वर्मा
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि ब्लड डोनेशन से हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती है. इस संदेश को लोगों तक पहुंचाने के लिए किरण वर्मा अब तक पूरे भारत में 21,000 किमी से ज्यादा की यात्रा कर चुके हैं. उनका उद्देश्य लोगों को रक्तदान का महत्व समझाना है.
कैंसर से जूझ रहीं उनकी मां ब्लड की कमी के कारण इस दूनिया से चली गई. किरण ने उनके सम्मान में ब्लड डोनर्स को जरूरतमंदों से जोड़ने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, सिम्पली ब्लड (Simply Blood) की स्थापना की. अपने संदेश को पूरे देश में फैलाने के लिए, उन्होंने श्रीनगर से तिरुवनंतपुरम तक की यात्रा कर रहे हैं.