ब्रेन ट्यूमर एक बहुत ही दुर्लभ बीमारी है. विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों को आसानी से पहचाना नहीं जा सकता है. अक्सर लोग इन लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन बार-बार सिरदर्द होना और चक्कर आना ब्रेन ट्यूमर के दो सामान्य लक्षण हो सकते हैं. वयस्कों और बच्चों में ब्रेन कैंसर के लक्षण अलग-अलग होते हैं. इसलिए, सिरदर्द लगातार महसूस होने पर समय से किसी मेडिकल एक्सपर्ट से परामर्श करना जरूरी है.
क्या हैं ब्रेन कैंसर के लक्षण
बच्चों में ब्रेन कैंसर के लक्षणों में सिर के आकार में मामूली बदलाव, अधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, लगातार या गंभीर सिरदर्द, स्वाद और गंध न आना, धुंधली दृष्टि, चक्कर आना, थकान, दस्त और उल्टी शामिल हैं. वहीं, वयस्कों में मस्तिष्क कैंसर के लक्षणों में गंभीर सिरदर्द, चक्कर आना, दौरे, आनुवांशिकी, मतली, दस्त या उल्टी, बोलने में कठिनाई, स्मृति समस्याएं, स्वाद और गंध की समस्याएं और अंगों में झुनझुनी शामिल हैं.
मुंबई के अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. अमित शोभावत ने कहा, ‘‘कई लोग सिरदर्द को नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन, बार-बार होने वाला सिरदर्द ब्रेन ट्यूमर के प्रमुख लक्षणों में से एक है. सिरदर्द तब होता है जब एक बढ़ता हुआ ट्यूमर मस्तिष्क के पास स्वस्थ कोशिकाओं पर अतिरिक्त दबाव डालता है. ट्यूमर से मस्तिष्क में सूजन हो सकती है. इसके अलावा सुबह उठने के बाद सिर दर्द बढ़ जाता है. कुछ लोगों को नींद के दौरान सिरदर्द का अनुभव हो सकता है और उन्हें माइग्रेन का दर्द महसूस हो सकता है. सिर के पिछले हिस्से में ब्रेन ट्यूमर के कारण सिरदर्द और गर्दन में दर्द हो सकता है. ऐसी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है."
करा सकते हैं ये टेस्ट
जायनोवा शाल्बी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. आकाश छेड़ा ने कहा, "चक्कर के साथ सिरदर्द भी ब्रेन ट्यूमर का लक्षण है. ब्रेन ट्यूमर सिरदर्द को असहनीय बना देता है. यह सिरदर्द कई दिनों तक बना रहता है. सिरदर्द, मतली, उल्टी, बेचैनी, बोलने में असमर्थता और शरीर के एक तरफ सुन्नता या कमजोरी भी ब्रेन ट्यूमर के लक्षण हैं. इसलिए ऐसे कोई भी लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह के अनुसार एमआरआई, सीटी स्कैन, पीईटी-सीटी स्कैन और ट्यूमर बायोमार्कर टेस्ट कराना चाहिए. समय पर निदान और उपचार होने पर रोगी जल्दी ठीक हो सकता है. ब्रेन ट्यूमर का इलाज तत्काल सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी से किया जाता है. ”
(दिपेश त्रिपाठी की रिपोर्ट)