पूरी दुनिया में हर साल 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाता है. विश्व कैंसर दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूक करना है. हर साल इसकी वजह से कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं. यदि आपको कैंसर की बीमारी का पता इसके फर्स्ट स्टेज में भी लग जाए तो इसका बहुत हद तक उपचार हो सकता है और आपकी जिंदगी बच सकती है.
क्या है कैंसर
शरीर में कई खराब सेल्स होते हैं. जब शरीर नए सेल्स बनाता है तो पुराने सेल्स खराब होकर खुद खत्म हो जाते हैं. लेकिन जब कैंसर की बीमारी किसी शरीर में प्रवेश कर जाती है तो रेड ब्लड सेल्स और व्हाइट ब्लड सेल्स के बीच का बैलेंस पूरी तरह बिगड़ जाता है. खराब सेल्स लगातार बढ़ने लगते हैं और यही खराब सेल्स कैंसर का रूप ले लेती है. कैंसर को दुनिया की सबसे गंभीर बीमारी माना गया है.
इस दिन मनाया गया पहली बार कैंसर डे
कैंसर शब्द की उत्पत्ति का श्रेय यूनानी चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स को दिया जाता है. इन्हें चिकित्सा का जनक भी कहा जाता है. वर्ल्ड कैंसर डे का इतिहास काफी पुराना नहीं है. 1999 में, वर्ल्ड सम्मिट एगेन्स्ट कैंसर, पेरिस, में इस दिन को मनाने का प्रस्ताव दिया गया था. इसके बाद साल 2000 में 4 फरवरी को पहली बार वर्ल्ड कैंसर डे मनाया गया था.
क्या है इस साल की थीम
हर साल वर्ल्ड कैंसर डे की एक थीम चुनी जाती है. साल 2024 की थीम है 'क्लोज द केयर गैप: एवरीवन डिजर्व्स एक्सेस टू कैंसर केयर'. इस थीम की मदद से कैंसर के सभी मरीजों को आसानी से इलाज करवाने का मौका मिल सके, इस बात पर जोर दिया गया है. इसकी सब-थीम है, 'टूगेदर वी चैलेंज दोज इन पावर'. इस सब-थीम की मदद से लीडर्स को कैंसर को खत्म करने के लिए संसाधनों की पूर्ति करवाने की जवाबदेही पर जोर दिया गया है.
कैंसर दुनिया भर में मौत की दूसरी सबसे बड़ी वजह
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक कैंसर दुनिया भर में मौत की दूसरी सबसे बड़ी वजह है. साल 2018 में कैंसर की वजह से लगभग 90.6 लाख लोगों ने अपनी जान गवाई है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की कैंसर एजेंसी, इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के मुताबिक साल 2050 तक कैंसर के नए मामले, साल 2020 की तुलना में लगभग 77 प्रतिशत अधिक बढ़ जाएंगे. इस रिपोर्ट के अनुसार, लो ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स वाले देशों पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा और कैंसर की वजह से सबसे अधिक मौतें भी इन्हीं देशों में होगी.
छूने से नहीं फैलता कैंसर
कैंसर को लेकर कई लोगों में गलतफहमी भी है कि ये छूने से भी फैलता है. जिसके कारण लोग कैंसर के रोगियों से अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं, जो कि पूरे तरीके से गलत है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक लगभग 33 प्रतिशत लोगों के कैंसर से होने वाली मौत तंबाकू, शराब, उच्च बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई), कम फल और सब्जी खाने और पर्याप्त शारीरिक गतिविधि न करने के कारण होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक पूरी दुनिया में साल 2020 तक 6 में से एक आदमी कैंसर की बीमारी के कारण मरते थे. कैंसर का मुख्य कारण म्यूटेशन या आपके सेल्स में डीएनए में होने वाले चेंजेज है. कैंसर आपको जेनेटिक कारणों की वजह से भी हो सकते हैं.
कितने प्रकार के होते हैं कैंसर
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कैंसर 200 से भी अधिक प्रकार के हो सकते हैं. साथ ही इन सभी के लक्षण भी अलग-अलग होते हैं. कार्सिनोमा एक ऐसा कैंसर है जो स्किन या उन टिशूज में शुरू होता है जो दूसरे ऑर्गन बनाते हैं. सारकोमा हड्डियों, मांसपेशियों, कार्टिलेज, ब्लड वेसल्स से रिलेटेड कैंसर है. ल्यूकेमिया बोन मैरो का कैंसर है. जो ब्लड सेल्स से रिलेटेड है. इम्यून सिस्टम से जुड़े कैंसर का नाम लिमफोमा और मायलोमा.
इन सब के अलावा और भी कैंसर के टाइप्स हैं. जैसे अपेंडिक्स कैंसर, ब्लाडर कैंसर, ब्रेन कैंसर, हड्डी का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, कोलन या कोलोरेक्टल कैंसर, डुओडनल कैंसर, कान का कैंसर, इंडोमेटरियल कैंसर, इसोफेजियल कैंसर, दिल का कैंसर, गॉल ब्लैडर का कैंसर, किडनी का कैंसर, लैरिंजियल का कैंसर, ल्यूकेमिया, होंठ का कैंसर, लिवर कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, मुंह का कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, स्किन कैंसर, यूटरिन कैंसर, वजाइनल कैंसर. इनके अलावा भी कई अन्य कैंसर की बीमारियां होती हैं.
ब्लड कैंसर: सबसे अधिक फैलनेवाले कैंसर में ब्लड कैंसर का नाम ऊपर है. इस बीमारी में इंसान के शरीर की ब्लड सेल्स में कैंसर पनपने लगता है. इसके चलते शरीर में खून की कमी होना और इसका तेजी से पूरे शरीर में फैलना शुरू हो जाता है.
स्किन कैंसर: इसके भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. यह कैंसर लंबे समय तक बहुत अधिक तेज धूप में रहने, सही डायट न लेने और फीजिकल ऐक्टिविटी नहीं करने जैसे स्थितियों में पनपता है
ब्रेस्ट कैंसर: यह बीमारी आमतौर पर महिलाओं में होती है. लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि पुरुष इस बीमारी का शिकार नहीं होते हैं. स्तन कैंसर पुरुषों को भी अपना शिकार बनाता है. इस कैंसर के दौरान महिलाओं के स्तन में शुरुआती तौर पर एक गांठ जैसी महसूस होती है, जो धीरे-धीरे फैलने लगती है और घातक स्थिति में पहुंच जाती है. इससे बचने कि लिए जरूरी है कि आप नियमित रूप से अपना ब्रेस्ट चेकअप कराते रहें.
सर्वाइकल कैंसर: महिलाओं में तेजी से होनेवाला कैंसर सर्वाइकल है. सर्वाइकल कैंसर में महिला के गर्भाशय की कोशिकाओं में अनियमित वृद्धि होने लगते है, जो धीरे-धीरे कैंसर का रूप ले लेती है.
ब्रेन कैंसर: इस कैंसर को ब्रेन ट्यूमर के नाम से भी जाना जाता है. इस स्थिति में ब्रेन में एक ट्यूमर बन जाता है, जो धीरे-धीरे फैलने लगता है और इंसान के पूरे शरीर को अपनी गिरफ्त में ले लेता है.
प्रोस्टेट कैंसर: यह कैंसर शरीर की पौरुष ग्रंथि में होनेवाला कैंसर है. प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों को तेजी से अपना शिकार बना रहा है.
लंग कैंसर: इस कैंसर के होने से फेफड़ों की स्थिति बहुत अधिक खराब हो जाती है. श्वांस लेने में दिक्कत, हर समय कफ की समस्या, हड्डियों और जोड़ों में दर्द रहता है. भूख नहीं लगती है. बेहद कमजोरी महसूस होना हर समय थकान रहना जैसे इसके प्रारंभिक लक्षण होते हैं. कैंसर का यह प्रकार भी प्रदूषण और स्मोकिंग की वजह से अधिक फैलता है.
दुर्लभ कैंसर
मेलानोमा: दुर्लभ या रेयर कैंसर उन्हें कहते हैं जो 10,0000 की आबादी में 6 लोगों को प्रभावित करते हैं. मेलानोमा काफी आक्रामक किस्म का स्किन कैंसर है जो नोड्स से होते हुए शरीर के अन्य भागों में फैलता है.
अग्नाशय कैंसर: अग्नाशय या पैंक्रियाज हमारे पेट के भीतरी भाग में स्थित अंग है जो हेपेटोबिलियरी सिस्टम से जुड़ा होता है. अक्सर अग्नाशय का कैंसर एडवांस चरण में पकड़ में जाता है, शुरुआती चरण में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं. रोग के गंभीर होने के बाद जॉन्डिस के रूप में यह रोग कुछ हद तक अपनी मौजूदगी दर्ज कराता है.
सॉफ्ट टिश्यू सारकोमा: ये ट्यूमर आमतौर से मीसेन्काइमल टिश्यू (बोन, मसल, टेंडन और फैसिया) को प्रभावित करते हैं और प्रायः शरीर के सिरों पर तथा रेट्रोपेरिटोनियम में होते हैं.
लिंफोमा: ये मायलोप्रोलिफेरेटिव विकार होते हैं और इनमें गर्दन, बगल और पेट में लिंफ नोड्स का आकार काफी बढ़ जाता है. इसका इलाज कीमोथेरेपी से किया जाता है.
कैंसर के लक्षण
1. अचानक से वजन कम होने लगना.
2. थकान महसूस होना.
3. ब्लीडिंग होना या चोट के निशान नजर आना.
4. खाना निगलने में परेशानी होना, मुंह में बार-बार छाले होना.
5. हमेशा बुखार रहना.
6. त्वचा के टेक्सचर, रंग या मोल में बदलाव होना.
7. पेशाब रुक-रुक कर आना.
8. लंबे समय तक खांसी रहना और खांसने पर खून आना.
9. महिलाओं में गंदे पानी की शिकायत, अपच, पेट का फूलना.
10. शरीर में गिल्टियां होना, भूख न लगना.
कैंसर होने के प्रमुख कारण
कैंसर, कोशिकाओं के भीतर डीएनए में उत्परिवर्तन के कारण होता है, इसके लिए कई कारक जिम्मेदार हो सकते हैं. जीवनशैली की कुछ गड़बड़ आदतें जैसे धूम्रपान-शराब का सेवन, सूरज के अत्यधिक संपर्क में रहना, मोटापा और असुरक्षित यौन संबंध कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले हो सकते हैं. आनुवांशिकी भी कैंसर के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है. जिन लोगों के परिवार में पहले से किसी को कैंसर रह चुका है, उनमें कैंसर होने का खतरा अधिक हो सकता है.
कैंसर से बचाव के उपाय
1. स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, समय पर अगर कैंसर की पहचान हो जाए तो इसका उपचार और रोगी की जान बचने की संभावना बढ़ जाती है. कैंसर के कई उपचार उपलब्ध हैं. कैंसर का प्रकार और अवस्था जैसी स्थितियों के आधार पर दवाओं, थेरेपी, सर्जरी के माध्यम से इसका इलाज किया जाता है.
2. डॉक्टर कहते हैं, सभी लोगों को कैंसर से बचाव को लेकर लगातार सावधानी बरतते रहना चाहिए. लाइफस्टाइल और आहार को पौष्टिक रखने के साथ शराब-धूम्रपान को छोड़कर कैंसर के खतरे से बचाव किया जा सकता है.
3. कैंसर के खतरे को कम करने के लिए संतुलित आहार का सेवन करें. पौष्टिक भोजन, फल, हरी सब्जियां और लाल मांस कैंसर को रोकने में मदद कर सकता है.
4. स्तन और पेट के कैंसर को कम करने के लिए रोज एक्सरसाइज करना जरूरी है. हर दिन कम से कम 30 मिनट के लिए मॉड्रेट एक्टिविटी जरूर करें, जैसे तेज चलना, साइकिल चलाना या तैरना. रिसर्च के अनुसार, नियमित फिजिकल न केवल कैंसर के खतरे को कम करता है बल्कि सामान्य स्वास्थ्य को सही रखता है.
5. कैंसर से होने वाली मौतों में से करीब आधी मौतें धूम्रपान के कारण होती हैं. जो अनावश्यक मौतों का सबसे बड़ा वैश्विक कारण है. कैंसर से बचाव का सबसे अच्छा तरीका धूम्रपान से बचना है. ब्रेस्ट, कोलोन और लिवर कैंसर सहित कई कैंसर, शराब के दुरुपयोग के बढ़ते हैं.
6. प्रदूषण की वजह से फेफड़ों का कैंसर, त्वचा कैंसर, आदि हो सकता है. इसलिए प्रदूषण से बचने के लिए मास्क, एयर प्योरिफायर आदि का इस्तेमाल करें.
7. ज्यादा समय तक बिना एसपीएफ के बाहर जाना कैंसर को बुलावा देना हो सकता है इसलिए सूरज से आने वाली यूवी किरणों से बचाव करने के लिए सन स्क्रीन का इस्तेमाल करें.