
कैंसर एक गंभीर बीमारी है. इससे दुनिया भर में लाखों लोग प्रभावित हैं. इस बीमारी के होने के कई कारण हैं. आम जीवन में कैंसर को लेकर कई भ्रामक मिथक और गलत धारणाएं प्रचलित हैं. इन वजहों से ज्यादातर लोग कैंसर को लेकर सशंकित रहते हैं. इन गलत धारणाओं की वजह से कैंसर के रोकथाम और इलाज में दिक्कत आती है. चलिए आपको उन भ्रामक मिथकों और उसकी सच्चाई के बारे में बताते हैं.
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है कैंसर?
कैंसर को लेकर एक गलत धारणा है कि ये संक्रामक बीमारी है. यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. साफ तौर पर जान लीजिए कि कैंसर संक्रामक बीमारी नहीं है. कैंसर तभी एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है, जब किसी ऐसे व्यक्ति का अंग प्रत्यारोपण किया गया हो, जिसके पहले से कैंसर हो.
चीनी में पनपता है कैंसर?
एक गलत धारणा ये भी है कि चैनी से कैंसर को बढ़ावा मिलता है और चीनी छोड़ने से कैंसर की बीमारी ठीक हो जाएगी. हालांकि इसको लेकर कोई सबूत नहीं मिले हैं कि चीनी से कैंसर बढ़ता है. ये मिथक पूरी तरह से गलत है. ऐसा नहीं है.
सेल फोन से कैंसर फैलता है?
एक गलत धारणा ये है कि सेल फोन से कैंसर होता है. हालांकि कैंसर आनुवंशिक उत्परिवर्तन के कारण होता है. सेल फोन एक प्रकार की कम आवृत्ति वाली एनर्जी उत्सर्जित करता है. जिससे जीन को कोई नुकसान नहीं होता है. सेल फोन के प्रभाव को लेकर अभी और रिसर्च की जरूरत है.
ट्यूमर बायोप्सी से कैंसर शरीर में फैल सकता है?
सर्जरी की वजह से कैंसर के शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलने की संभावना कम होती है. सर्जरी के वक्त सर्जन विशेष तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. ट्यूमर को हटाने के लिए बायोप्सी के दौरान कैंसर कोशिकाओं को फैलने से रोकने के लिए कई कदम उठाए जाते हैं.
हर्बल से कैंसर का इलाज कर सकते हैं?
कैंसर के इलाज को लेकर एक गलत धारण है कि हर्बल उत्पाद की मदद से कैंसर का इलाज किया जा सकता है. ये पूरी तरह से गलत है. ऐसा कोई भी हर्बल उत्पाद नहीं है, जिससे कैंसर ठीक हो सकता है. हालांकि कुछ रिसर्च में ये पता चला है कि जड़ी-बूटियों से कैंसर के इलाज के दुष्प्रभावों से निपटने में मदद मिलती है.
फैमिली में किसी को कैंसर है तो कैंसर हो सकता है?
ऐसा जरूरी नहीं है कि अगर फैमिली में किसी को कैंसर है तो आपको भी कैंसर हो सकता है. कैंसर जीन में हानिकारक परिवर्तन के कारण होता है. 5 से 10 फीसदी कैंसर ही होते हैं, जो माता-पिता से विरासत में मिलते हैं. बाकी 90 से 95 फीसदी कैंसर की वजह दूसरी होत है.
बुढ़ापे में कैंसर का इलाज कर सकते हैं?
कैंसर के इलाज को लेकर यह भी भ्रामक धारणा है कि बुढ़ापे में कैंसर का इलाज नहीं करना चाहिए. आपको बता दें कि कैंसर के इलाज के लिए कोई आयु सीमा नहीं है. कैंसर के इलाज के लिए सिर्फ व्यक्ति की उम्र पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. बुजुर्गों को भी इलाज से उतना ही फायदा होता है, जितना युवा मरीजों को होता है.
लंबे समय तक रखी प्लास्टिक बोतल के पानी से कैंसर का खतरा?
कैंसर को लेकर एक भ्रामक मिथक है कि लंबे समय तक रखी प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से कैंसर का खतरा बढ़ता है. जबकि ये सच नहीं है. ये सिर्फ अफवाह है. यह गलत धारण कॉलेज के एक छात्र की थीसिस पर आधारित हैं. जिसे नकारा जा चुका है.
कैंसर होने का मतलब मौत है?
एक मिथक ये भी है कि अगर किसी को कैंसर हो गया है तो इसका मतलब मौत होना तय है. लेकिन ये पूरी तरह से सच नहीं है. कैंसर का पता लगाने और इलाज में प्रगति हो रही है. मरीजों इलाज से पूरी तरह से ठीक हो रहे हैं.
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