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World Dengue Prevention Day क्यों मनाया जाता है, कैसे पहचानें आपको डेंगू है, जानें लक्षण और बचाव के उपाय

Dengue Fever: डेंगू को 'हड्डी तोड़ बुखार' के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसके कारण शरीर व जोड़ों में बहुत दर्द होता है. डेंगू बुखार सभी मच्छरों के काटने से नहीं फैलता है. यह केवल कुछ प्रजाति के मच्छरों से फैलता है. डेंगू के लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

एडीज मच्छरों के काटने से डेंगू होता है एडीज मच्छरों के काटने से डेंगू होता है
हाइलाइट्स
  • डेंगू मच्छर साफ पानी में होता है पैदा

  • यह दिन के समय काटता है

हर साल 10 अगस्त को डेंगू के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने और इससे सचेत रहने के लिए विश्व डेंगू निरोधक दिवस मनाया जाता है. इस दिन लोगों को बताया जाता है कि कैसे आप साफ-सफाई का ध्यान रख डेंगू की चपेट में आने से बच सकते हैं. डेंगू बीमारी की चपेट में आते ही इंसान को तेज बुखार हो जाता है और गंभीर मामलों में ब्लड प्लेटलेट्स भी तेजी के साथ गिरना शुरू हो जाती हैं. डेंगू के लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है, वरना ये जानलेवा भी हो सकता है.

डेंगू बुखार क्या है
डेंगू को 'हड्डी तोड़ बुखार' के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि इसके कारण शरीर व जोड़ों में बहुत दर्द होता है. मलेरिया की तरह डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से फैलता है. डेंगू सभी मच्छर से नहीं फैलता है. यह केवल कुछ प्रजाति के मच्छरों के काटने से फैलता है. इस रोग का वाहक एडीज मच्छर की दो प्रजातियां एडीज एजिपटाई और एडीज एल्बोपेक्टस हैं. ये दोनों मच्छर दिन में काटते हैं, जिससे डेंगू बुखार हो जाता है. डेंगू का मच्छर एक बार में 150 से 200 अंडे देता है. अंडे से मच्छर बनने में करीब 7 दिन लगते हैं. मच्छर की लाइफ एक माह होती है और एक मच्छर माह में चार बार अंडे देता है. 

वायरस के संक्रमण के कारण होता है बुखार
डेंगू बुखार वायरस के संक्रमण के कारण होता है. इसे डेन वायरस भी कहते हैं. डेंगू वायरस चार प्रकार के होते हैं, जिसे डेन-1, डेन-2, डेन-3 और डेन-4 कहा जाता है. यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में नहीं फैलता लेकिन उस मच्छर के काटने से होता है जिसने किसी संक्रमित व्यक्ति को काटा है. डेंगू उन लोगों को जल्दी प्रभावित करता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है.

हर साल हजारों की तादाद में डेंगू मरीजों की होती है पुष्टि 
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार, विश्व के 100 से ज्यादा देशों में डेंगू बुखार एक आम बीमारी है. दुनिया के करीब 300 करोड़ लोग ऐसे इलाकों में रहते हैं जो डेंगू प्रभावित हैं, इसमें एशिया से भारत और चीन का नाम शामिल है. सिर्फ भारत में हर साल ही हजारों की तादाद में डेंगू मरीजों की पुष्टि की जाती है. 

डेंगू बुखार के प्रमुख लक्षण 
1. तेज बुखार के साथ नाक बहना, खांसी, आखों के पीछे दर्द, जोड़ों में दर्द होना.
2. पेट खराब हो सकता है.
3. जी मितला सकता है. उल्टी भी आ सकती है.
4. डेंगू बुखार होने पर प्लेटलेट्स का स्तर कम हो जाता है.
5. ब्लड प्रेसर सामान्य से बहुत कम हो जाता है.
6. अचानक बिना खांसी व जुकाम के ठंड व कपकंपी के साथ तेज बुखा चढ़ना.
7. हमेशा थका-थका और कमजोरी महसूस करना.
8. जोड़ों में सूजन होना, नींद में कमी.
9. भूख न लगना, मुंह का स्वाद खराब होना.
10. शरीर पर लाल-गुलाबी चकत्ते होना.

कैसे करें बचाव
1. डेंगू मच्छरों के शरीर पर चिता जैसी धारियां बनी रहती हैं, तो ऐसे मच्छरों से सावधान रहें.
2. घरों में कूलर व अन्य जगहों पर पानी जमा न होने दें. 
3. कूलर के पानी में हफ्ते में कम से कम दो बार बदलें.
4. पीने का पानी किसी बर्तन में जमा है तो उस बर्तन को हमेशा ढंककर रखें.
5. फुल बाजू के कपड़े पहनें और बच्‍चों और बुजुर्गों को खासतौर पर पहनाएं.
6. सोते समय मच्छरदानी का या मॉस्किटो रेपलेंट्स का इस्तेमाल करें.
7. घर की खिड़की और दरवाजों को खुला न रखें. वेंटिलेशन के लिए उनमें जाली लगवाएं.
8. किसी भी तरह के लक्षण दिखें तो विशेषज्ञ को दिखाएं, खुद या किसी की सलाह से दवा न लें.

डेंगू बुखार के घरेलू उपचार
1. डेंगू बुखार में गिलोय, पपीता पत्ते, एलोवेरा/मुसब्बर वेरा का रस और बकरी का दूध देना लाभप्रद होता है.
2. अदरक और इलायची डालकर हर्बल टी का सेवन करें.
3. खूब नारियल पानी पिएं, ये प्लेटलेट्स भी बढ़ाएगा और ताकत भी देगा. नारियल पानी में मौजूद इलेक्ट्रोलाइट्स और मिनरल्स जैसे कई पोषक तत्व होते हैं जिससे शरीर मजबूत होता है.
4. शरीर में मौजूद वायरस और विषैले तत्वों को बाहर निकालने के लिए नींबू का रस पीना चाहिए. शरीर के भारीपन को कम करने और वायरस बाहर निकालने में नींबू खासा असरदार है.
5. शरीर को मजबूत करने के लिए अदरक का हल्का गर्म पानी फायदेमंद होता है.
6. शरीर को एनर्जी देने के लिए मरीज को दलिया खिलाना चाहिए. ये आसानी से पच जाता है.
7. सब्जियों को हल्का पकाकर या फिर उबालकर खाना चाहिए. मरीज को विटामिन, मिनिरल्स और एंटी ऑक्सिडेंट्स से भरपूर सब्जियां खानी चाहिए. जैसे टमाटर, कद्दू, गाजर, खीरा, चुकंदर. 
8. डेंगू बुखार से पीड़ित को विटामिन युक्त फल देने चाहिए. इससे शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ेगी.

ये चीजें प्‍लेटलेट्स बढ़ाने में हैं मददगार
1. पपीते के पत्‍ते का रस प्‍लेटलेट्स बढ़ाने में मददगार माना जाता है. प्‍लेटलेट काउंट को नियंत्रित रखने के लिए आप इसे किसी विशेषज्ञ की सलाह पर ले सकते हैं. 
2. कीवी को इस मामले में काफी मददगार फल माना जाता है. इस फल को भी खाने से प्‍लेटकाउंट तेजी से बढ़ता है.
3. चुकंदर को सलाद के तौर पर खाएं और गाजर-चुकंदर व लौकी का रस निकालकर मरीज को दें. इससे भी काफी लाभ मिलता है.
4. कोरोना काल में गिलोय काफी चलन में आया था. गिलोय का काढ़ा डेंगू में भी मददगार माना गया है. प्‍लेटलेट्स को गिरने से रोकने के साथ ये इम्‍यूनिटी को भी बढ़ाता है.