डायबिटीज सिर्फ भारत नहीं बल्कि दुनिया भर में एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है. भारत में शहरी और ग्रामीण, दोनों तरह की आबादी डायबिटीज से प्रभावित हैं. 14 नवंबर को World Diabetes Day के रूप में मनाया जाता है. आईडीएफ डायबिटीज एटलस कमेटी के अनुसार, विश्व स्तर पर 2019 में, 463 मिलियन लोगों को डायबिटीज थी और अगर आकंड़ों पर विश्वास किया जाए तो 2030 तक 578 मिलियन लोग डायबिटीज से प्रभावित होंगे.
भारत में भी स्थिति बेहतर नहीं है. आईडीएफ के अनुसार लगभग सात करोड़ भारतीय डायबिटीज से प्रभावित हैं और 2030 तक यह संख्या नौ करोड़ को पार कर सकती है. जब शरीर में ग्लूकोज़ की मात्रा बढ़ जाती है तो इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है. यह इंसुलिन की कमी के कारण होता है.
गुरुग्राम में पिछले 12 सालों से बतौर डायटीशियन और डायबिटीज एजुकेटर काम कर रहीं अर्चना बत्रा कहती हैं, "डायबिटीज सामान्य तौर पर दो तरह की होती हैं- टाइप 1 और टाइप 2. टाइप 1 डायबिटीज में शरीर में इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाएं पूरी तरह से डैमेज हो जाती हैं. इसलिए मरीजों को बाहर से इंसुलिन देना आवश्यक होता है. लेकिन टाइप 2 डायबिटीज को आप अपनी लाइफस्टाइल में छोटे-बड़े बदलाव करके नियंत्रित कर सकते हैं."
क्या हैं लक्षण:
अर्चना बताती हैं कि डायबिटीज के तीन मुख्य लक्षण हैं. जिन पर अगर ध्यान दिया जाए तो शुरुआत में ही डायबिटीज को डायग्नोज़ किया जा सकता है. सबसे पहला लक्षण पानी पीने से जुड़ा है. अगर आपको भरपूर मात्रा में पानी पीने के बाद भी और पानी पीने की जरूरत महसूस हो रही है तो आपको चेक अप कराना चाहिए.
दूसरा, अगर आपको लगातार सामान्य से बहुत ज्यादा वॉशरूम इस्तेमाल करना पड़ रहा है तो यह चिंता का विषय हो सकता है. इसके अलावा, डायबिटीज होने पर भूख भी बहुत ज्यादा लगती है और खाने के बावजूद आपके शरीर में बिल्कुल ऊर्जा नहीं रहती है. अचानक से आपका वजन कम हो रहा है.
अगर ये सभी लक्षण किसी को खुद में या किसी अपने में महसूस होते हैं तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए.
इस तरह करें डायबिटीज को मैनेज:
अर्चना आगे कहती हैं कि टाइप 2 डायबिटीज ज्यादातर लोगों की लाइफस्टाइल के कारण होती है. इसलिए अगर किसी को टाइप 2 डायबिटीज है तो वे अपने खान-पान और रहन-सहन में सही बदलाव करके इसे मैनेज कर सकते हैं.
1. स्वस्थ रखें अपना खान-पान:
अर्चना सलाह देती हैं कि सबसे पहले अपने खाने-पीने पर ध्यान देना चाहिए. हमेशा अपने खाने में प्रोटीन की अच्छी मात्रा रखें और ध्यान दें कि आप बहुत ज्यादा कार्बोहायड्रेट अपनी डाइट में नहीं ले रहे हैं. वह कहती हैं कि लॉ शुगर हाई शुगर से ज्यादा खतरनाक हो सकता है इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि शुगर लेवल लॉ न हो.
इसके लिए हमेशा थोड़े-थोड़ अंतराल पर कुछ न कुछ खाते रहें ताकि आपके शुगर लेवल मेन्टेन रहे.
2. रेगुलर एक्सरसाइज करें:
अर्चना कहती हैं कि अगर आपको डायबिटीज है तो आपके लिए नियमित एक्सरसाइज करना बहुत आवश्यक है. हर दिन 45 मिनट से एक घंटे तक एक्सरसाइज आपको करनी चाहिए. एक्सरसाइज करने से इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है. इसके लिए आप वॉक, साइकिलिंग, स्वीमिंग आदि कर सकते हैं.
3. रेगुलर चेक करें शुगर:
अगर आपको डायबिटीज है तो सबसे ज्यादा जरुरी है कि आप नियमित तौर पर शुगर लेवल चेक करते रहें. अगर आपका शुगर लेवल 70 से कम है तो आपका शुगर लेवल लॉ है. और यह बहुत ज्यादा खतरनाक है.
4. लॉ शुगर और हाई शुगर को पहचाने:
अर्चना का कहना है कि लोगों को सबसे पहले यह पहचान होना जरुरी है कि उनका शुगर लेवल कब कम या ज्यादा है. अगर आपको अचानक से घबराहट हो रही है और बहुत पसीने आ रहे हैं तो हो सकता है कि आपका शुगर लेवल कम हो गए हैं.
ऐसा होने पर आप तुरंत अपना शुगर चेक करें और कुछ खा लें. इसलिए जरुरी है कि आप हमेशा अपने साथ ग्लुकोमीटर रखें और कुछ न कुछ खाने के लिए भी रखें.
5. हमेशा डॉक्टर से फॉलो अप करें:
अगर आपको डायबिटीज की समस्या है तो बहुत आवश्यक है कि आप हमेशा अपने डॉक्टर के संपर्क में रहे. साथ ही, कुछ सपोर्ट ग्रुप भी जॉइन करें. इससे आपकी जागरूकता बढ़ती है और आपको स्वास्थ्य रहने की प्रेरणा भी मिलती है.
6. अपनी डाइट में शामिल करें ये चीजें:
अर्चना सुझाव देती हैं कि जितना हो सके प्रोटीन वाले आहार अपनी डाइट में शामिल करें. इसके अलावा, रिफाइंड फूड्स जैसे मैदा आदि का सेवन करने से बचें. आप अपनी डाइट में दलिया, क्विनोआ और ज्वार, रागी व बाजरा जैसे मिलेट्स शामिल कर सकते हैं.
वह डायबिटीज के मरीजों को गेहूं के आटे की बजाय मल्टी-ग्रेन आटे की रोटियां खानी चाहिए. अपने खाने में फाइबर युक्त भोजन को शामिल करें.