मध्य प्रदेश के डॉक्टर मुनीश्वर चंदर डावर को समुदाय के लिए उनकी निस्वार्थ और समर्पित सेवा के लिए प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. डॉ डावर पूरे देश के डॉक्टरों के लिए एक प्रेरणा हैं. बहुत सी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, डॉ डावर सिर्फ 20 रुपये में मरीजों का इलाज कर रहे हैं, चाहे मरीज किसी भी आर्थिक तबके से हों, सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा सुलभ है.
डॉ डावर, 50 से ज्यादा सालों मेडिकल प्रैक्टिस कर रहे हैं, और हमेशा समाज के वंचित वर्गों की सेवा करने में विश्वास करते हैं. कभी लोगों को इलाज मात्र 2 रुपए में करने वाले डॉ डावर ने सालं बाद भी अपनी फीस में मात्र 18 रुपए बढ़ाए.
भारतीय सेना में दे चुके हैं सेवा
डॉ डावर मूल रूप से पंजाब से हैं. दरअसल, उनका जन्म साल 1946 में हुआ था और देश के बंटवारे के समय उनका परिवार जलंधर, पंजाब आ गया. हालांकि, साल 1967 में उन्होंने अपनी एमबीबीएस की डिग्री जबलपुर से पूरी की. पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉ डावर ने भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दीं.
अपने मीडिया साक्षात्कारों में डॉ डावर ने बताया कि वह साल 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध का भी हिस्सा रहे. युद्ध के दौरान वह मोर्चे पर तैनात थे. उन्होंने युद्ध में भारतीय सैनिकों का इलाज किया और लगातार उनका मनोबल बढ़ाते रहे. हालांकि, भारतीय सेना से रिटायर होने के बाद उन्होंने माज के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.
मात्र 2 रुपए फीस में करते थे इलाज
जबलपुर में इनका दवाखाना मशहूर है. सेना से रिटायरमेंट के बाद डॉ डावर ने उन लोगों तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने की सोची जो प्राइवेट इलाज नहीं करा सकते हैं. डॉ डावर ने मात्र दो रुपए फीस लेकर लोगों का इलाज करना शुरू किया. कई बार तो उन्होंने लोगों का इलाज मुफ्त में किया है.
ऐसे में, लोगों के लिए डॉ डावर किसी मसीहा से कम नहीं हैं. इतने साल बाद भी, आज उनकी फीस मात्र 20 रुपए है. उनका क्लिनिक खुलते ही लोगों की कतार लग जाती है. आज 77 साल की उम्र में भी वह हर दिन लगभग 200 मरीजों की जांच करते हैं. उनके मरीज अक्सर कहते हैं थे कि वह सिर्फ उनके डॉक्टर ही नहीं बल्कि एक दोस्त भी हैं जो उनकी देखभाल करते हैं.
डॉ डावर की इसी सेवा भावना और अपने काम के प्रति समर्पण को देखते हुए उन्हें भारत सरकार ने पद्म श्री से नवाजा है.