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कोरोना की तरह हेल्थ इमरजेंसी नहीं है मंकीपॉक्स: WHO

110 देशों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. जिस कारण वैश्विक स्तर पर कोरोना के मामलों में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. वहीं मौतों के आंकड़ों की बात की जाए तो हर 6 में से 3 लोगों की मौत हो रही है. 

WHO के महानिदेशक WHO के महानिदेशक
हाइलाइट्स
  • वैश्विक स्तर पर कोरोना के मामलों में 20% की बढ़ोत्तरी

  • गरीब देशों को भी है टीकाकरण की जरूरत

दुनिया भर में कोरोना का कहर फैला रहा है. कोरोना वायरस दुनिया के सभी देशों के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है. पिछले दो सालों में इस वायरस के चलते लाखों लोगों की मौत हुई. इस वायरस ने कई जिंदगियों को बर्बाद कर दिया है. पिछले कुछ महीनों में इसका असर कम होने लगा था, हालांकि अब फिर से एक बार दुनिया भर के कई देशों में कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं. इसको देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को कहा कि कोरोना महामारी बदली है, लेकिन अभी ये खत्म नहीं हुई है. इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि 110 देशों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. 

वैश्विक स्तर पर कोरोना के मामलों में 20% की बढ़ोत्तरी
WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेबियस ने कहा, "यह महामारी बदल रही है लेकिन यह खत्म नहीं हुई है. कोविड-19 वायरस को ट्रैक करने की हमारी क्षमता कम है क्योंकि रिपोर्टिंग और जीनोमिक अनुक्रम घट रहे हैं जिसका अर्थ है कि ओमीक्रोन को ट्रैक करना और भविष्य के उभरते वेरिएंट का विश्लेषण करना कठिन होता जा रहा है." उन्होंने आगे कहा, "कोविड 19 के BA.4 और BA.5 वेरियंट कई जगहों पर नजर आए हैं. 110 देशों में इस मामले बढ़ रहे हैं. जिस कारण वैश्विक स्तर पर कोरोना के मामलों में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. वहीं मौतों के आंकड़ों की बात की जाए तो हर 6 में से 3 लोगों की मौत हो रही है. 

ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण है जरूरी
कोविड​​​-19 और अन्य वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दों पर मीडिया को जानकारी देते हुए, घेबियस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों से अपनी आबादी का कम से कम 70 प्रतिशत टीकाकरण करने का आह्वान किया था. उन्होंने आगे कहा कि पिछले 18 महीनों में वैश्विक स्तर पर 12 अरब से अधिक टीकों का वितरण किया गया है. लेकिन इसके बावजूद भी कम आय वाले देशों में लाखों स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और वृद्ध लोगों सहित लाखों लोग अभी भी टीका नहीं लगा है, जिसका अर्थ है कि वे वायरस की भविष्य की लहरों के प्रति अधिक संवेदनशील हैं."

गरीब देशों को भी है टीकाकरण की जरूरत
उन्होंने कहा, "केवल 58 देशों ने 70 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है, कुछ ने कहा है कि कम आय वाले देशों के लिए इसे बनाना संभव नहीं है." घेब्रेयसस ने रवांडा का उदाहरण दिया जहां दूसरी खुराक टीकाकरण दर अब 65 प्रतिशत से ऊपर है और अभी भी बढ़ रही है. डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने रेखांकित किया कि सबसे अधिक जोखिम वाले समूहों का टीकाकरण करना बेहद जरूरी है.

मंकीपॉक्स नहीं है सार्वजनिक स्वास्थ्य इमरजेंसी
इससे पहले, डीजी घेब्रेयसस ने कहा कि हालांकि मंकीपॉक्स वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय चिंता का एक सार्वजनिक स्वास्थ्य इमरजेंसी नहीं है, इस घटना की आपातकालीन प्रकृति के लिए गहन प्रतिक्रिया प्रयासों की आवश्यकता है.  टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, "जबकि आपातकालीन समिति ने सलाह नहीं दी थी कि मंकीपॉक्स का प्रकोप अंतर्राष्ट्रीय चिंता के एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल का प्रतिनिधित्व करता है, उन्होंने घटना की आपातकालीन प्रकृति को स्वीकार किया है जिसके लिए गहन प्रतिक्रिया प्रयासों की आवश्यकता है."