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Explainer: WHO ने Mpox को फिर से किया हेल्थ इमरजेंसी घोषित, जानिए क्या है यह बीमारी, और इसके लक्षण

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने घोषणा की कि कांगो और अन्य अफ्रीकी देशों में Mpox Outbreak एक ग्लोबल इमरजेंसी है. WHO ने जनवरी 2022 और जून 2024 के बीच 116 देशों में 208 मौतों और 99,000 से ज्यादा एमपॉक्स मामलों की सूचना दी थी.

WHO announced Mpox as global health emergency WHO announced Mpox as global health emergency
हाइलाइट्स
  • एमपॉक्स को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया गया

  • 1970 में सामने आया था पहला मामला

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को एक बार फिर Mpox को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी के रूप में क्लासिफाई किया है. WHO की यह घोषणा डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो में एमपॉक्स के मामलों में बढ़ोतरी के बाद आया है. यह वायरस अब यहां के पड़ोसी देशों में फैल रहा है. 

आपको बता दें कि Mpox एक वायरल संक्रमण है जो आम तौर पर निकट संपर्क से फैलता है. आमतौर पर हल्का होते हुए भी, दुर्लभ मामलों में यह घातक हो सकता है. इसके लक्षणों में फ्लू जैसी बीमारी और मवाद से भरे घावों के दाने शामिल हैं. 

तीन सालों में दूसरी बार हुई घोषणा 
तीन सालों में यह दूसरी बार है कि WHO ने एमपॉक्स महामारी को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया है, इससे पहले जुलाई 2022 में ऐसा किया गया था. उस समय एमपॉक्स आउटब्रेक ने 116 देशों में लगभग 100,000 लोगों, मुख्य रूप से गे और बाइसेक्सुअल पुरुषों को प्रभावित किया और इसके कारण लगभग 200 लोग मारे गए. 

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बताया जा रहा है कि मौजूदा ख़तरा और भी गंभीर है. इस साल एमपॉक्स संक्रमण मामलों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ गई है और अकेले कान्गो लोकतांत्रिक गणराज्य में 14,000 से ज्यादा एमपॉक्स मामले और 524 मौतें दर्ज की गई हैं. 15 साल से कम उम्र की महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा रिस्क में हैं, जिससे अफ्रीकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों को भी एमपॉक्स आपातकाल घोषित करना पड़ा. 

Mpox क्या है?
एमपॉक्स को पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था. यह एक वायरल बीमारी है जो एमपॉक्स वायरस के कारण होती है, और यह ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित है. इस बीमारी की पहचान सबसे पहले 1958 में डेनमार्क में बंदरों में हुई थी, इसलिए इसका मूल नाम मंकी के नाम पर पड़ा. लेकिन यह मुख्य रूप से रोडेंट्स और छोटे स्तनधारी जीवों को प्रभावित करता है. यह दुर्लभ ज़ूनोटिक रोग (जानवरों से मनुष्यों में ट्रांसफर) पॉक्सविरिडे फैमिली से उत्पन्न होता है, जिसके वायरस चेचक, काउपॉक्स, वैक्सीनिया और अन्य बीमारियों का कारण भी बनते हैं.

वर्तमान में, एमपॉक्स के दो क्लैड या आनुवंशिक समूह हैं: क्लैड I, मुख्य रूप से मध्य और पूर्वी अफ्रीका में पाया जाता है. और क्लैड II, जो पश्चिम अफ्रीका में ज्यादातर मामलों से जुड़ा हुआ है. एमपॉक्स का पहला मानव मामला 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में एक नौ वर्षीय लड़के में दर्ज किया गया था. साल 2022 में, WHO ने इसका नाम मंकीपॉक्स से बदलकर Mpox कर दिया था.

क्या हैं इसके लक्षण
एमपॉक्स में चेचक के समान लक्षण होते हैं, जिनमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और एक अलग तरह के दाने शामिल होते हैं. ये दाने पहले चेहरे पर होना शुरू होते हैं और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं. यह वायरस संक्रमित जानवरों, शारीरिक फ्लूइड्स या दूषित सामग्री (Contaminated Materials) के सीधे संपर्क के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है, और यह रेस्पिरेटरी ड्रॉप्लेट्स या निकट संपर्क के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है. 

इसके लक्षण 2 से 4 सप्ताह तक रहते हैं. ज्यादातर लोगों को हल्के लक्षणों का अनुभव होता है, लेकिन कुछ लोगों को गंभीर बीमारी हो सकती है. जिसके लिए तुरंत मेडिकल केयर की जरूरत होती है. बच्चों, गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को आमतौर पर वायरस से संक्रमित होने का ज्यादा खतरा होता है. 

करवाएं यह टेस्ट 
WHO के अनुसार, एमपॉक्स के लिए पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (PCR) टेस्ट करके वायरल डीएनए का पता लगाया जाता है. सबसे सटीक डायग्नोस्टिक सैंपल्स सीधे दाने से मिल सकते हैं, जैसे कि स्किन, फ्लुइड, या पपड़ी, आदि के जरिए इकट्ठे किए जा सकते हैं. अगर स्किन पर घाव नहीं है तो ऑरोफरीन्जियल, गुदा या रेक्टल स्वैब का उपयोग करके परीक्षण किया जा सकता है. इस बीमारी में ब्लड टेस्ट की सलाह नहीं दी जाती है. 

इलाज क्या है?
वर्तमान में, एमपॉक्स का कोई इलाज या उपचार नहीं है. WHO की सलाह है कि लक्षणों को मैनेज करना चाहिए. मरीजों को हाइड्रेटेड रहने, पौष्टिक भोजन खाने, पर्याप्त नींद लेने और अपनी त्वचा को खरोंचने से बचने की सलाह दी गई है. साथ ही, साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें, जैसे अपने हाथ बार-बार धोना और किसी भी घाव को छूने के बाद हाथ धोना. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें और अगर संपर्क में आना पड़ रहा है तो मरीज से कहें कि वे घावों को कपड़े से ढककर रखें.

क्या कोई वैक्सीन है?
जनवरी 2022 में, यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी ने असाधारण परिस्थितियों में एमपॉक्स के इलाज के लिए टेकोविरिमेट को मंजूरी दी थी. हालांकि, यह मूल रूप से चेचक के इलाज के लिए विकसित एक एंटीवायरल है. चेचक के लिए विकसित तीन टीकों, MVA-BN, LC16 और ऑर्थोपॉक्सवैक को एमपॉक्स की रोकथाम के लिए एप्रुव किया गया है. हालांकि, वैक्सिनेशन की सलाह सिर्फ ज्यादा रिस्क वाले मरीजों के लिए की जाती है, और WHO एमपॉक्स के खिलाफ बड़े पैमाने पर वैक्सिनेशन की सलाह नहीं देता है.