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World Hemophilia Day 2022: जानलेवा हो सकता है हीमोफिलिया, जानें इसका कारण, लक्षण और प्रकार

World Hemophilia Day 2022: हीमोफिलिया कई मामलों में जानलेवा हो सकता है जैसे मस्तिष्क या किसी अन्य महत्वपूर्ण अंग से किसी कारण रक्तस्राव न रुकने के मामले में. जानिए इस बीमारी के बारे में सब कुछ.

World Hemophilia Day 2022 World Hemophilia Day 2022
हाइलाइट्स
  • जेनेटिक ब्लीडिंग डिसऑर्डर है हीमोफिलिया

  • हीमोफिलिया हो सकता है जानलेवा

World Hemophilia Day 2022: हीमोफिलिया एक प्रकार का जेनेटिक ब्लीडिंग डिसऑर्डर (रक्तस्राव विकार) है जो मुख्य रूप से पुरुषों को प्रभावित करता है. इस के कारण शरीर में रक्त के थक्के जमने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है और चोट लगने के बाद सामान्य से अधिक समय तक खून बहता हौ. 

ब्लड क्लोटिंग न होने के कारण यह लोगों के लिए जीवन खतरा हो सकता है. खासकर कि जब मस्तिष्क या किसी अन्य महत्वपूर्ण अंग से ब्लीडिंग हो तो यह और जानलेवा हो सकता है. सिर में खून बहने से दौरे या पक्षाघात होने का खतरा रहता है. 

17 अप्रैल को मनाते हैं विश्व हीमोफिलिया डे:

वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया के संस्थापक फ्रैंक कैनबेल के जन्मदिन के अवसर पर 17 अप्रैल को वर्ल्ड हीमोफीलिया डे मनाया जाता है. इस बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 17 अप्रैल 1989 को World Hemophilia Day मनाने की शुरुआत की गई.

हीमोफीलिया का कारण क्या है?

जब ब्लड, ब्लड वैसल्स में बहता है तो यह स्वाभाविक रूप से लिक्विड होता है, लेकिन चोट लगने पर ब्लड क्लोट होता है जिससे ब्लीडिंग रुक जाती है. क्लोट बनाने के लिए कुछ खास प्रोटीन और प्लेटलेट्स काम करते हैं. पर किसी-किसी इंसान में आनुवंशिक कारणों से ये प्रोटीन गायब होते हैं तो यह बीमारी होती है. 

हीमोफीलिया के लक्षण

ब्लीडिंग(रक्तस्राव) होन, हीमोफीलिया का एक प्राथमिक लक्षण है. कट या चोट से अत्याधिक रक्तस्राव, बड़े या गहरे घाव, टीकाकरण के बाद असामान्य रक्तस्राव, दर्द, सूजन या जोड़ों में जकड़न, मूत्र या मल में रक्त, बिना किसी ज्ञात कारण के नाक से खून आना हीमोफिलिया के कुछ लक्षण हैं. 

हीमोफीलिया के प्रकार

हीमोफीलिया के कई अलग-अलग प्रकार हैं, लेकिन इसके प्रमुख दो प्रकार हैं -

हीमोफीलिया टाइप ए - इस प्रकार के हीमोफीलिया को क्लासिक हीमोफीलिया के रूप में भी जाना जाता है. यह रोग VIII ब्‍लड क्‍लॉटिंग फैक्‍टर की कमी के कारण होता है. 

हीमोफीलिया टाइप बी - इसे क्रिसमस रोग (Christmas Disease) भी कहते हैं. यह क्लॉटिंग फैक्टर IX बनने में होने वाली कमी के कारण होता है.

महिलाओं में हीमोफिलिया दुर्लभ क्यों है

एक्सपर्ट्स की माने तो हीमोफिलिया एक X क्रोमोज़ोम से संबंधित रिसेसिव डिसऑर्डर है. इसका मतलब है कि हीमोफिलिया के लिए जीन एक्स क्रोमोसोम पर होता है. चूंकि महिलाओं में दो एक्स क्रोमोसोम होते हैं, इसलिए वे आमतौर पर हीमोफिलिया से प्रभावित नहीं होती हैं.

हालांकि, महिलाएं बीमारी की कैरियर हो सकती हैं और अपने बेटों को इस बीमारी ट्रांसफर कर सकती हैं. चूंकि पुरुषों में केवल एक X क्रोमोज़ोम होता है, वे सामान्य जीन की अनुपस्थिति में इस बीमारी से प्रभावित हो सकते हैं. हालांकि कुछ स्थिति में महिलाएं प्रभावित हो सकती हैं पर यह बहुत दुर्लभ होता है.