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World Hypertension Day: हर 4 में से 1 युवा हाइपरटेंशन का शिकार, क्यों होती है BP की समस्या? क्या है रिस्क फेक्टर, जानिए इस 'साइलेंट किलर' बीमारी से बचाव के उपाय

World Hypertension Day:  उच्च रक्तचाप को हाई ब्लड प्रेशर के रूप में जाना जाता है. हाई बीपी एक आम समस्या है, जिससे इस वक्त लाखों लोग प्रभावित हैं. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, भारत में हर 4 में से 1 वयस्क हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित है.

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हाइलाइट्स
  • दुनिया में 100 करोड़ से भी अधिक लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं

  • हर तीन में से एक युवा हाई ब्लड प्रेशर का शिकार

देश में गैर-संक्रामक बीमारियों में हाइपरटेंशन पहले नंबर पर आता है. तेजी से पांव पसारते इस साइलेंट किलर से बचने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव और जागरूकता बढ़ाए जाने की जरूरत है. इसी को ध्यान में रखते हुए हर साल 17 मई को World Hypertension Day मनाया जाता है. वर्ल्ड हाइपरटेंशन लीग ने साल 2005 में 14 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे की शुरुआत की थी. इसके बाद 2006 से ही 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है. 

हर चार में से एक युवा हाई ब्लड प्रेशर का शिकार

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, भारत में हर 4 में से 1 वयस्क हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित है. दुनिया में 100 करोड़ से भी अधिक लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं. यह दुनियाभर में समय से पहले मौत का एक प्रमुख कारण है. 2013 से 2030 के बीच दुनिया में हाइपरटेंशन के मामलों में 8% इजाफे का अनुमान है.

हाई ब्लड प्रेशर का कारण

हाइपरटेंशन का मुख्य कारण तनाव और अनियंत्रित खानपान होता है. इसके अलावा मोटापा, शराब का सेवन, धूम्रपान, फैमिली हिस्ट्री भी हाई बीपी की वजहों में से एक हो सकते हैं. WHO के आंकड़ों के मुताबिक तेजी से बढ़ती इस समस्या के लिए खानपान की आदतें जिम्मेदार हैं. भोजन में ट्रांसफैटी हाइपरटेंशन से मौत के खतरे को 4 फीसदी तक बढ़ा सकती है. 

हाइपरटेंशन क्या है?

जब शरीर की रक्त धमनियों की दीवारों पर लंबे समय तक खून का दबाव बढ़ जाता है तो इसे हाइपरटेंशन कहा जाता है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक विश्व में 75 लाख लोगों की मौत के लिए किसी न किसी तरह से ब्लड प्रेशर जिम्मेदार है.

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किसे कहते हैं सामान्य रक्तचाप?

सामान्य रक्तचाप 120/80 मिमी एचजी के दायरे में आता है. अगर ऊपर वाला आंकड़ा 120 के पार जाता है तो उसे हाई यानी उच्च रक्तचाप माना जाता है. इस आंकड़े में 120 सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर है, तो वहीं 80 डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर को बताता है.

अचानक क्‍यों बढ़ जाता है ब्‍लड प्रेशर

सामान्य सिरदर्द या जोड़ों के दर्द के दौरान आप भी तुरंत दवा लेते हैं तो सावधान रहें, क्योंकि यह दवाएं तुरंत राहत पहुंचाकर शरीर में साइलेंट किलर हाई बीपी के जोखिम को बढ़ाने का काम करती है. इसके अलावा अचानक बीपी बढ़ने की एक और वजह हो सकती है आपकी डाइट. अगर आप बीपी के मरीज हैं तो आपको नमक का सेवन कम करना चाहिए. शारीरिक रूप से कम सक्र‍िय होना भी बीपी बढ़ने का कारण हो सकता है. टेंशन भी आपके ब्‍लड प्रेशर को बढ़ाने का काम करता है.

आपका बीपी 140 से ज्यादा है तो यह हाई ब्लड प्रेशर है. जब ब्लड प्रेशर 180/120 के लेवल को पार कर जाता है तब इंसान की जान भी जा सकती है. ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

किन लोगों को होता है हाइपरटेंशन का खतरा?

डायबिटीज और मोटापे से पीड़ित लोगों, दिल से संबंधित बीमारियों वाले लोग, धूम्रपान और 50 ज्यादा की उम्र के लोगों में हाइपरटेंशन का खतरा ज्यादा होता है. एक रिसर्च के मुताबिक ट्रैफिक शोर के आसपास रहने वाले लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़ता है. लंबे समय से अकेलेपन के शिकार रहे लोगों के रक्तचाप में वृद्धि देखने को मिलती है. डायबिटीज और किडनी के मरीजों को हाइपरटेंशन का खतरा ज्यादा रहता है.

Hypertension/WHO

ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत करें डॉक्टर से संपर्क

हाई ब्लड प्रेशर के कुछ लक्षणों में सिरदर्द, मतली, उल्टी, चक्कर आना, नाक से खून आना, दिल की धड़कन में गड़बड़ी, और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं. उच्च रक्तचाप न सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है बल्कि पूरी तरह से ठीक भी किया जा सकता है. ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण आसानी से नजर नहीं आते हैं. बहुत से लोग हाइपरटेंशन के बाद भी इसे नहीं जान पाते हैं. यदि आप आप ऊपर बताए किसी लक्षण का अनुभव कर रहे हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है. 

ऐसे रखें अपना ख्याल

  • हाई बीपी के मरीज को नियमित दवाएं लेना सबसे ज्यादा जरूरी है.

  • आप हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं तो फिजिकल एक्सरसाइज जरूर करें.

  • तनाव और चिंता से बिल्कुल ही दूर रहें.

  • कम वसा वाला भोजन लें, पर्याप्त हरी साग और सब्जियां खाएं.

  • वजन को नियंत्रित रखें.

  • नमक का सेवन कम से कम करें.

  • दिन में चार बार से ज्यादा कॉफी पीने से बचें.

  • स्मोकिंग बंद करें.

  • वर्क लाइफ बैलेंस करें.