

किडनी शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक है, जिसका काम शरीर से गंदगी और विषाक्त पदार्थों की सफाई करना है. इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी के मुताबिक पूरी दुनिया में करीब 85 करोड़ लोग किसी-न-किसी तरह की किडनी डिजीज से जूझ रहे हैं. आज विश्व किडनी दिवस (World Kidney Day) है. इसका मकसद किडनी के महत्व और किडनी से जुड़ी बीमारियों को रोकने पर ध्यान केंद्रित करना है.
शरीर को सेहतमंद रखने के लिए किडनी को हेल्दी रखना बहुत जरूरी है. वर्ल्ड किडनी डे पर आइए जानते हैं किडनी से जुड़े कुछ जरूरी सवाल और उनके जवाब.
किडनी का काम क्या है?
किडनी का मुख्य काम होता है आपके शरीर से गंदगी और और विषाक्त पदार्थों को निकालना और अच्छी चीजें जैसे प्रोटीन को शरीर के बाहर निकलने से रोकना. अगर आपकी किडनी हेल्दी है तो आपके शरीर में सोडियम, पोटैशियम और कैल्शियम की मात्रा संतुलित रहती है. जब किडनी ठीक से काम नहीं करती है, तो शरीर के पोषक तत्व भी पेशाब के जरिए बाहर निकलने लगते हैं.
कैसे जानें आपकी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही
पेशाब में प्रोटीन की ज्यादा मात्रा होना किडनी खराब होने का संकेत होता है.
रात के वक्त जरूरत से ज्यादा पेशाब आना भी किडनी से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है.
सांस फूलना, भूख में कमी, उल्टी, कमजोरी, ब्लड प्रेशर बढ़ना, आंखों के नीचे सूजन, किडनी से संबंधित बीमारी के संकेत हैं.
नाखूनों में सफेदी आने लगे तो हो सकता है आपकी किडनी ठीक से काम न कर रही हो.
अगर पीठ और कमर में बहुत ज्यादा दर्द रहता हो.
पैरों के तलवों में सूजन आना किडनी की बीमारी का सबसे कॉमन लक्षण है.
किडनी से जुड़ी बीमारी में आपको मांसपेशियों में क्रैम्प्स हो सकते हैं.
क्रोनिक किडनी डिजीज क्या है?
क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) एक ऐसी बीमारी है जिसमें किडनी धीरे-धीरे खराब हो जाती है. यह एक लंबी अवधि के दौरान होती है और अगर इसे नियंत्रित न किया जाए तो डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ सकती है. क्रोनिक किडनी डिजीज के शुरुआत में कोई लक्षण नहीं होते हैं, इसलिए जब ये बढ़ जाती है तब लोगों को इसके बारे में पता चल पाता है.
क्रोनिक किडनी डिजीज के कारण
क्रोनिक किडनी डिजीज के कई कारण हो सकते हैं. सबसे आम कारणों में डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन शामिल हैं. जिन लोगों की शुगर लगातार बढ़ी रहती है और वे दवाइयां नियमित तौर पर नहीं लेते हैं, उन्हें डायबेटिक नेफ्रोपथी हो सकती है. इसके अलावा, कुछ दवाइयां, जैसे कि दर्द की दवाइयां (NSAIDs), भी किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं. अन्य कारणों में पॉलिश्डिस्टिक किडनी डिजीज, इम्यून डिजीज, बच्चों में जन्मजात समस्याएं और स्टोन डिजीज शामिल हैं.
क्रोनिक किडनी डिजीज के आम लक्षण
किडनी डिजीज के लक्षणों में शरीर में सूजन, यूरिन की मात्रा कम होना, ड्राई स्किन, एनीमिया, हड्डियों की कमजोरी और ब्लड प्रेशर बढ़ना शामिल हैं. इन लक्षणों को पहचानना और समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है. निदान के लिए कुछ ब्लड टेस्ट, जैसे कि यूरिया, क्रिएटिनिन, हीमोग्लोबिन, कैल्शियम और यूरिन टेस्ट किए जाते हैं.
क्रोनिक किडनी डिजीज से बचने के लिए क्या करें
क्रोनिक किडनी डिजीज से बचने के लिए डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन को नजरअंदाज न करें और प्रॉपर ट्रीटमेंट कराएं. स्टोन की बीमारी या किडनी के रास्ते में रुकावट हो तो उसका ऑपरेशन कराएं. प्रिवेंशन और कंट्रोल बहुत महत्वपूर्ण है. सही डाइट, प्रोटीन की सीमित मात्रा, नमक और पानी की मात्रा को नियंत्रित करना जरूरी है. कैल्शियम और आयरन के सप्लीमेंट्स लें.
इन तरीकों से किडनी को रख सकते हैं हेल्दी
किडनी को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं. पानी पीने से किडनी ठीक तरह से काम करती है.
सेब में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो किडनी को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं. एप्पल को नींबू और नमक के साथ खाने से इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है.
फूलगोभी, पत्तागोभी और बेरीज को किडनी के लिए फायदेमंद माना जाता है.
ब्लूबेरी भी किडनी के लिए बहुत फायदेमंद होती है. इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में होते हैं जो किडनी को स्वस्थ बनाए रखते हैं. संतरे और नींबू में भी विटामिन सी होता है जो किडनी को स्वस्थ रखने में सहायक होता है.
लाल अंगूर में सोडियम, पोटैशियम और फॉस्फोरस की मात्रा कम होती है, जिससे किडनी के मरीज भी इसका सेवन कर सकते हैं. हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक और केल भी किडनी के लिए फायदेमंद होती हैं.
फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड, अत्यधिक नमक और घी, तेल वाले भोजन से बचें. एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रोसेस्ड फूड खाने से किडनी को काफी नुकसान पहुंच सकता है. शोध से पता चलता है कि एक्सट्रा प्रोसेस्ड फूड खाने से क्रोनिक किडनी रोग (CKD) का खतरा बढ़ जाता है.