मेनिनजाइटिस एक ऐसी बीमारी है जो आपकी ब्रेन को प्रभावित करता है. आम भाषा में इसे दिमागी बुखार के नाम से भी जाना जाता है. इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 5 अक्टूबर को वर्ल्ड मेनिनजाइटिस डे मनाया जाता है. पहली बार साल 2008 में मेनिनजाइटिस डे मनाया गया था.
क्या है मेनिनजाइटिस
मेनिनजाइटिस ब्रेन और रीढ़ की हड्डी को ढकने वाली सुरक्षात्मक झिल्लियों की सूजन है. ब्रेन और रीढ़ की हड्डी के आसपास होने वाला वायरल संक्रमण आमतौर पर सूजन का कारण बनता है. यह संभावित रूप से एक घातक बीमारी है जो रोगी को कुछ ही घंटों में मार सकती है या आजीवन विकलांगता का कारण बन सकती है. चोटें, कैंसर, कुछ दवाएं और अन्य प्रकार के संक्रमण भी मेनिनजाइटिस का कारण बन सकते हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मेनिनजाइटिस के हर साल 5 मिलियन मामले सामने आते हैं. मेनिनजाइटिस कई प्रकार का होता है, इसमें बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस, वायरल मेनिनजाइटिस, फंगल मेनिनजाइटिस, पारासाइट मेनिनजाइटिस और अमीबिक मेनिनजाइटिस शामिल हैं. मेनिनजाइटिस हर किसी को और हर उम्र में हो सकता है. लेकिन यह अक्सर पांच साल से कम उम्र के बच्चों, रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी वाले व्यक्तियों, किशोरों और युवा वयस्कों में देखा गया है. मेनिनजाइटिस न्यूरोलॉजिकल विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है, जो जीवन भर रह सकता है.
मेनिनजाइटिस के लक्षण
गर्दन में अकड़न, बुखार, रोशनी के प्रति संवेदनशीलता, भ्रम, सिरदर्द, उल्टी, खरोंच, दौरे. यह सांस (ड्रॉपलेट) के जरिए एक व्यक्ति-से-दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है.
बचाव के उपाय
मैनिंजाइटिस से बचाव के लिए आपको अपनी हाइजीन का खास ख्याल रखना चाहिए. खांसने और छींकने से लेकर खाने- पीने के सामान शेयर करने और एक ही क्वार्टर में करीब रहने जैसे रोजमर्रा के क्रियाकलापों के चलते मेनिंगोकोकल मेनिनजाइटिस फैल सकता है. मेनिनजाइटिस रोग के इलाज के लिए अलग-अलग टीके होते हैं. इसके अलावा अपनी पर्सनल चीजें जैसे ब्रश, लिपस्टिक, रूमाल आदि किसी के साथ शेयर न करें.
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