देश में अभी भी आंख की कई ऐसी बीमारियां हैं जो कि जन्म से होती हैं या जन्म के कुछ वक्त बाद होती हैं. इसी में से एक बीमारी 'लो विजन' या 'अल्प दृष्टि' है. कुछ लोगों को रात में न दिखाई देने की बीमारी होती है. इसे लो लाइट विजन कहा जाता है. ये बीमारी जन्मजात होती है. लेकिन ऐसे लोगों के लिए पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के नेत्र रोग विशेषज्ञों ने ऐसी जीन थैरेपी निकाली है जिसके द्वारा इस बीमारी से निजात पाई जा सकती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में करीब 24 करोड़ लोग 'लो विजन' बीमारी का शिकार हैं. कुछ मानसिक विकार या आनुवांशिक विसंगतियां भी लो विजन की वजह होती हैं.
जीन थैरेपी से इलाज संभव
शोधकर्ताओं का दावा है कि लो लाइट विजन को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है. शोधकर्ताओं ने 19 और 32 साल के दो लोगों पर जीन थैरेपी द्वारा इलाज किया. कुछ दिनों की भीतर दोनों की आंखों की रोशनी लौट आई. हालांकि इस मामले में अभी और शोध किए जाने की जरूरत है. इस थैरेपी के जरिए स्वस्थ डीएनए को रेटिना तक पहुंचाया, जो तेजी से स्वस्थ कोशिकाओं की संख्या बढ़ा देती है. इन कोशिकाओं को रॉड सेल्स कहा जाता है. जो प्रकाश के प्रति संवेदनशील होती है. जिसकी वजह से हमें दिखाई देता है.
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए क्या करें
आमतौर पर आंखों की रोशनी खराब होने के पीछे का कारण रिफ्रेक्टिव एरर होता है. जिसके कारण मायोपिया, हाइपरोपिया की समस्या बढ़ जाती है. न्यूट्रिएंट्स जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, जिंक, विटामिन सी, ई से भरपूर चीजों के सेवन से काफी हद तक कमजोर नजर से बचा जा सकता है. आंखों की सेहत के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना भी बहुत जरूरी माना जाता है. संतुलित आहार आंखों को लंबी उम्र तक स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी है.
विश्व दृष्टि दिवस का इतिहास
दुनियाभर में आज विश्व दृष्टि दिवस मनाया जा रहा है. लायंस क्लब फाउंडेशन ने विश्व दृष्टि दिवस के आयोजन की शुरुआत की थी. पहली बार यह दिन 8 अक्टूबर 1984 को मनाया गया था. बाद में यह दिन WHO और IABP सदस्यों द्वारा निर्देशित एक सहयोगी कार्यक्रम बन गया.