

भारत में टीबी (ट्यूबरक्लोसिस) सिर्फ एक स्वास्थ्य संकट नहीं, बल्कि एक सामाजिक और आर्थिक चुनौती भी है. खासकर महिलाओं के लिए यह बीमारी अधिक घातक साबित हो रही है. गरीबी, पोषण की कमी, स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुंच और सामाजिक कलंक जैसी समस्याएं महिलाओं में टीबी के मामलों को बढ़ा रही हैं.
बता दें, भारत में हर साल 26 लाख से अधिक लोग टीबी की चपेट में आते हैं. लेकिन महिलाओं में टीबी तेजी से फैल रहा है, खासकर 15-44 साल की उम्र वालों में. उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में यह बीमारी सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है. इसे लेकर डॉ. अरुण चौधरी कोटारू (फेफड़े और नींद रोग विशेषज्ञ, आर्टेमिस अस्पताल) ने वर्ल्ड टीबी डे पर महिलाओं में टीबी की गंभीरता और इससे बचाव के उपायों को बताया.
क्या महिलाओं में टीबी के लक्षण अलग होते हैं?
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में टीबी के लक्षण थोड़े अलग और कम स्पष्ट हो सकते हैं. महिलाओं में अक्सर थकान, हल्का बुखार, सीने में हल्का दर्द और वजन घटना जैसे लक्षण होते हैं, जो आमतौर पर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं.
पुरुषों में टीबी के सामान्य लक्षण- लगातार खांसी, खून के साथ बलगम आना, तेज बुखार जल्दी पकड़ में आ जाते हैं, लेकिन महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता और भूख न लगने जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं.
दरअसल, समाज में टीबी को "पुरुषों की बीमारी" माना जाता है, जिससे महिलाओं के लक्षणों को अनदेखा कर दिया जाता है. घरेलू जिम्मेदारियों और परिवार की प्राथमिकता के कारण महिलाएं डॉक्टर के पास जाने में देरी कर देती हैं. कई बार डॉक्टर भी महिलाओं में टीबी के लक्षणों को पहचानने में चूक कर देते हैं, जिससे बीमारी गंभीर हो जाती है.
9000 साल तक जिंदा रह सकता है TB! जानें कौन सी दवाएं होती हैं कारगर, किन बातों का रखें ख्याल
गर्भवती महिलाओं के लिए कितना खतरनाक है टीबी?
गर्भावस्था में टीबी मां और बच्चे दोनों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है.
गर्भवती महिलाओं में टीबी के खतरे:
इसके अलावा, कई एंटी-टीबी दवाएं गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए सुरक्षित नहीं होतीं. मां की इम्यूनिटी पहले से कमजोर होती है, जिससे बीमारी तेजी से फैल सकती है. इसलिए डॉक्टरों को इलाज के दौरान बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है ताकि मां और शिशु दोनों सुरक्षित रहें.
समाधान क्या है?
महिलाएं इलाज अधूरा क्यों छोड़ देती हैं?
डॉक्टर के मुताबिक, टीबी की दवाएं 6 से 9 महीने तक चलती हैं, लेकिन महिलाएं कई बार इलाज पूरा नहीं कर पातीं.
इसके पीछे के कई कारण हैं:
इलाज न छोड़ने के लिए क्या करें?
क्या महिलाओं को सही डाइट मिलती है?
बता दें, टीबी से जूझ रही महिलाएं अक्सर कुपोषण की शिकार होती हैं. शरीर को दोगुनी ताकत की जरूरत होती है, लेकिन खानपान सही नहीं मिलता.
महिलाओं के लिए टीबी डाइट:
टीबी महिलाओं के लिए सिर्फ एक बीमारी नहीं, बल्कि एक सामाजिक चुनौती भी है. समय पर इलाज, सही पोषण और जागरूकता ही इस महामारी से बचने का सही तरीका है.