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First Chikungunya Vaccine: जल्द आ सकती है दुनिया की पहली चिकनगुनिया वैक्सीन, ट्रायल में दिखे अच्छे परिणाम

Chikungunya vaccine: वर्तमान में वायरस के लिए कोई टीका या उपचार उपलब्ध नहीं है. चिकनगुनिया से बुखार होता है और कभी-कभी जोड़ों में दर्द होता है. हालांकि यह कभी-कभी बहुत खतरनाक हो सकता है.

Chikungunya Vaccine Chikungunya Vaccine
हाइलाइट्स
  • अभी और शोध की जरूरत है 

  • वैक्सीन कर सकती है वायरस को बेअसर 

मच्छरों से कई सारी बीमारियां फैलती हैं. उन्हीं में से एक है चिकनगुनिया जिससे हर साल दुनियाभर में कई मौतें होती हैं. लेकिन अब जल्द ही इसकी वैक्सीन आ सकती है. मच्छर से होने वाले वायरस चिकनगुनिया के खिलाफ फ्रांसीसी-ऑस्ट्रियाई दवा निर्माता वलनेवा एक टीके पर काम कर रहा है. इस वैक्सीन के पॉजिटिव रिजल्ट आए हैं. ट्रायल में इसके परिणाम देखकर सभी की उम्मीदें बढ़ गई हैं. 

अभी और शोध की जरूरत है 

अमेरिका में इसे लेकर लोगों पर टेस्ट भी किया गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि और अधिक शोध की आवश्यकता है. दरअसल, वर्तमान में वायरस के लिए कोई टीका या उपचार उपलब्ध नहीं है. चिकनगुनिया से बुखार होता है और कभी-कभी जोड़ों में दर्द होता है. हालांकि यह कभी-कभी बहुत खतरनाक हो सकता है. वलनेवा का कहना है कि VLA1553 पहली वैक्सीन है जिसे अमेरिका और कनाडा में अप्रूवल के लिए आवेदन करने के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जांचा-परखा गया है. 

वैक्सीन कर सकती है वायरस को बेअसर 

ये प्लेसीबो-कंट्रोल्ड फेज तीन ट्रायल वाला था. इन तीन ट्रायल में ये देखा गया कि आखिर ये वैक्सीन वायरस को किस तरह से कमजोर करती है और इम्यून रिस्पांस को कैसे मजबूत करती है. द लांसेट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, 266 लोगों को इस रिसर्च में शामिल किया गया था. इसमें से 263 लोग यानि 99 प्रतिशत लोगों में वैक्सीन से एंटीबॉडी विकसित हुई. ये एंटीबॉडी वो हैं जो चिकनगुनिया वायरस को बेअसर कर सकती है.

इस स्टडी में कहा गया है कि केवल दो लोगों में इस टीके से जुड़े गंभीर दुष्प्रभाव देखे गए. इस स्टडी को करने वाले प्रमुख लेख ने इसके परिणामों को आशाजनक बताया है. उन्होंने एक बयान में कहा, "यह पहला चिकनगुनिया टीका स्थानिक क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए उपलब्ध हो सकता है, साथ ही स्थानिक क्षेत्रों या आने वाले प्रकोप के जोखिम वाले क्षेत्रों के यात्रियों के लिए भी उपलब्ध हो सकता है."

भविष्य में एक महामारी साबित हो सकता है चिकनगुनिया 

गौरतलब है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चिकनगुनिया को लेकर चिंता व्यक्त की है. उनका कहना है की चिकनगुनिया से भविष्य में महामारी का खतरा हो सकता है. इसका कारण है कि जलवायु परिवर्तन बहुत तेजी से हो रहा है. इससे मच्छर बाहर निकलना शुरू हो गए हैं. उनका प्रकोप फैल सकता है. 

चिकनगुनिया की पहली बार 1952 में तंजानिया में पहचान की गई थी, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, इसे 110 से अधिक देशों में दर्ज किया गया है. कभी-कभी लेकिन गंभीर प्रकोप अफ्रीका, एशिया और अमेरिका में होते हैं.