हैदराबाद की बायोटेक्नोलॉजी कंपनी भारत बायोटेक ने दुनिया की पहली नेजल कोविड-19 वैक्सीन लॉन्च कर दी है. सोमवार शाम को भारत बायोटेक ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है. भारत बायोटेक के अनुसार, iNCOVACC को हाल ही में रिस्ट्रिक्टेड इस्तेमाल के लिए इमरजेंसी अप्रूवल दिया गया है. इसके तहत 18 साल या उससे अधिक उम्र के हेट्रोलोजस बूस्टर डोज (Heterologous booster doses) के लिए मंजूरी दी गई है. बताते दें कि हेट्रोलोजस बूस्टिंग में, एक व्यक्ति को एक अलग वैक्सीन के साथ इंजेक्ट किया जाता है. ये वैक्सीन प्राइमरी डोज के लिए इस्तेमाल की डोज से अलग होती है.
दुनिया की पहली इंट्रानेजल वैक्सीन
बयान के अनुसार, iNCOVACC कोविड-19 के लिए दुनिया की पहली इंट्रानेजल वैक्सीन है, जिसे प्राइमरी 2-डोज शेड्यूल और हेट्रोलोजस बूस्टर डोज के लिए मंजूरी मिली है. वैक्सीन कैंडिडेट के सफल परिणामों के साथ I, II और III फेज के क्लीनिकल ट्रायल का मूल्यांकन किया गया. इसे विशेष रूप से नाक की बूंदों (Nasal Drops) के माध्यम से इंट्रानेजल डिलीवरी की अनुमति देने के लिए तैयार किया गया है.
14 साइटों पर हुए ट्रायल
बताते चलें, इससे पहले iNCOVACC को प्राइमरी 2-डोज शेड्यूल के लिए 18 साल और उससे अधिक आयु के लिए इमरजेंसी अप्रूवल दिया गया था. देश भर में 14 साइटों पर 3100 सब्जेक्ट में सेफ्टी, इम्युनोजेनिसिटी, के लिए फेज-3 ट्रायल किए गए थे.
क्या है ये वैक्सीन?
iNCOVACC एक एडिनोवायरस वेक्टर वैक्सीन है. भारत बायोटेक के मुताबिक, नेजल डिलीवरी सिस्टम को कम और मध्यम आय वाले देशों में लागत प्रभावी बनाने के लिए डिजाइन और विकसित किया गया है. भारत बायोटेक के एमडी कृष्णा एल्ला कहते हैं, "कोविड टीकों की मांग में कमी के बावजूद, हमने यह सुनिश्चित करने के लिए इंट्रानेजल वैक्सीन को बनाना जारी रखा है कि हम भविष्य के संक्रामक रोगों के लिए प्लेटफॉर्म टेक्नोलॉजी के साथ अच्छी तरह से तैयार रहे. हम भविष्य में आने वाली बीमारियों के लिए तैयार हैं.
गौरतलब है कि नेजल वैक्सीन का इंतजार पिछले कई समय से किया जा रहा था. इसक लक्ष्य लोगों तक वैक्सीन की पहुंच ज्यादा करना है. ताकि लोगों को आसानी से और तेजी से वैक्सीन लगाई जा सके.