कैंसर बढ़ती उम्र में होने वाली बीमारी है लेकिन कम उम्र के लोगों में भी इस बीमारी के मामले सामने आ रहे हैं. हाल के एक अध्ययन से पता चला है कि युवा वयस्कों में कैंसर की दर बढ़ रही है. इसके पीछे के कारणों का वैज्ञानिकों ने पता लगाया है. वैश्विक कैंसर डेटा के रिव्यू में पाया गया कि 90s के दशक के बाद से 50 साल से कम उम्र के वयस्कों में कैंसर तेजी से फैल रहा है.
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के फिजिशियन-साइंटिस्ट बेंजामिन कोह की टीम ने इसपर रिसर्च की है. रिसर्च से पता चलता है कि युवा वयस्कों का कैंसर वृद्ध वयस्कों में होने वाले कैंसर से अलग है. और ये दोनों के अलग-अलग अंगों को प्रभावित करता है.
कुल मिलाकर उम्र कैंसर के सबसे बड़े जोखिम कारणों में से एक रही है. लेकिन अब युवाओं में भी कैंसर के मामले देखने को मिल रहे हैं. इसके पीछे मुख्य कारण डाइट में बदलाव, खराब लाइफस्टाइल, स्लीप पैटर्न, मोटापा, एंटीबायोटिक दवाओं का ज्यादा इस्तेमाल और वायु प्रदूषण शामिल हैं. वैज्ञानिकों ने अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड को भी इसके पीछे की वजह बताई है. कैंसर से बचाव संभव है अगर आप अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करें.
तंबाकू के सेवन से बचें.
नियमित एक्सरसाइज करें.
वजन नियंत्रित रखें.
हेल्दी डाइट लें.
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर की दर तेजी से बढ़ी
कुल मिलाकर 50 साल से कम उम्र के लोगों में कैंसर की घटनाएं इतनी बढ़ गईं कि 2010 की तुलना में हर 100,000 में से 3 लोग को कैंसर है. कोह और उनकी टीम ने अपने रिसर्च पेपर में लिखा है, "सभी कैंसरों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर की दर सबसे तेजी से बढ़ती है. युवा वयस्कों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर का सबसे आम रूप और अपेंडिक्स, पित्त नली और अग्न्याशय के कैंसर के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं. इनमें से ज्यादातर ऐसे हैं जो पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं.
कोलोरेक्टल कैंसर 2 फीसदी की औसत से बढ़ा
जिनकी आयु 30 से 39 वर्ष है, वे भी कैंसर से तेजी से प्रभावित हो रहे हैं. इस आयु वर्ग में सभी कैंसर, लेकिन विशेष रूप से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर की घटनाएं बढ़ीं हैं. जबकि वृद्ध वयस्कों में कैंसर की घटनाएं या तो पहले जैसी रहीं या कम हो गईं. हर साल अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस और जापान के युवा वयस्कों में कोलोरेक्टल कैंसर 2 फीसदी की औसत से बढ़ा है. ये रिसर्च JAMA Network Open में प्रकाशित हुई है.
युवाओं को शिकार बना रहा कैंसर
पिछले दस सालों में कैंसर के मामलों में 28 फीसदी वृद्धि हुई है. WHO के मुताबिक दुनिया में कैंसर ऐसी दूसरी बीमारी है जिससे लोगों की मौत सबसे ज़्यादा होती है. तंबाकू के सेवन की वजह से लोग ओरल, पैनक्रिएटिक, सर्विक्स, ओवरी, लंग और स्तन कैंसर से पीड़ित हो रहे हैं. भारत में तंबाकू कैंसर का सबसे बड़ा कारण है. वहीं पश्चिमी देशों में ज्यादातर मामले रेड मीट से जुड़े हैं.