कभी हंसी, कभी शरारत, कभी रूठना कभी मनाना, बेवजह शोर शराबा, घर में दो या दो से ज्यादा बच्चे हैं तो धमाल होना ही है..अच्छा भी लगता है क्योंकि इस मौज मस्ती से घर गुलजार रहता है. लेकिन कई घरों में ऐसा होता है कि मस्ती या शरारत करने पर किसी एक बच्चे को डांट पड़ती है लेकिन दूसरे को कुछ नहीं कहा जाता...ऐसा भी होता है कि किसी एक की सभी मांगें पूरी की जाती है...लेकिन दूसरे के मामले में कुछ कमी रह जाती है. कई बार मम्मी या पापा किसी एक बच्चे पर ज्यादा प्यार लुटाते हैं...इसलिए दूसरे बच्चे को लगता है कि उसे नजरअंदाज किया जा रहा है...मम्मी पापा से पूछा जाए कि उनका फेवरेट कौन है, तो एक ही जवाब मिलेगा...और वो ये कि उनके लिए सभी बच्चे एक जैसे हैं...वो सभी को एक बराबर प्यार करते हैं...लेकिन असल में वो नहीं जानते कि अंजाने ही उनका झुकाव किसी एक बच्चे की तरफ ज्यादा हो सकता है...या बच्चे को भी ऐसा लग सकता है कि मम्मी पापा दूसरे भाई या बहन की तुलना में उसे कम प्यार करते हैं...एक नई रिसर्च के मुताबिक अगर किसी बच्चे के दिल में अगर ये भावना बैठ गई तो आगे चलकर उसके लिए कई मानसिक परेशानियां खड़ी हो सकती है.
According to the new study, unequal treatment among children in the family is a big problem. This happens in 66 percent of families worldwide. But this has a bad effect on children's mental condition and family relationships. Unequal behavior causes emotional problems. Because of this, problems like anxiety, depression and risky behavior start in children.