इन दिनों कश्मीर घाटी बर्फ से ढकी हुई है. कश्मीर में एलओसी पर पारा शून्य से 20 से 25 डिग्री सेल्सियस नीचे है. इस ठंड के मौसम में जवानों का जीवन आसान नहीं होता है. दुर्गम पहाड़ियों में ये किस तरह रहते हैं इस बात को इनसे बेहतर कोई नहीं जानता.
इतनी हाड़ कपाने वाली ठंड में जब हर कोई घर में घुसकर अलाव ताप रहा है या रजाई में दुबका हुआ है सेना के जवान पूरी शिद्दत के साथ देश की सेवा के लिए तत्पर तैयार रहते हैं.
इस चरम सर्दी के मौसम में ये जवान देश की सेवा में डटकर तैयार खड़े रहते हैं. माइनस 15 से माइनस 25 डिग्री सेल्सियस के बीच पाइपों में पानी जम जाता है और सैनिकों को पानी पीने के लिए बर्फ उबालनी पड़ती है.
एलओसी की रखवाली करने वाले सैनिकों को सर्दियों के महीनों में भी हाई अलर्ट पर रखा गया है क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि बर्फबारी में कम दृश्यता के कारण आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ के प्रयास किए जा सकते हैं.
भारतीय सेना के जवान जम्मू कश्मीर में भारी बर्फबारी के बीच मुश्किल से बेपरवाह नियंत्रण रेखा पर गश्त करते नजर आते हैं.
एलओसी पार करने के लिए आतंकवादी कम दृश्यता का फायदा उठा सकते हैं. भारतीय सेना द्वारा संरक्षित कुछ चौकियां लगभग 17,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं.
सेना के जवानों को इस मौसम के लिए विशेष सूट प्रदान किए जाते हैं जो उन्हें आसानी से बर्फ में चलने में मदद करता है और उन्हें गर्म भी रखता है. (फोटोज क्रेडिट- रौफ रोशनगर)