कस्तूरबा मोहनदास गांधी का जन्म; 11 अप्रैल 1869 को हुआ था. एक भारतीय राजनीतिक कार्यकर्ता थीं. उन्होंने 1883 में मोहनदास गांधी से शादी की. अपने पति और बेटे के साथ, वह ब्रिटिश भारत में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हुईं. राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस हर साल उनके जन्मदिवस के दिन,,11 अप्रैल को मनाया जाता है. यह दिन कस्तूरबा गांधी की जयंती भी है. (Photo Credits: Pinterest)
बा ने कोई औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की, लेकिन वह हमेशा से जिज्ञासु थीं. और सीखने में बहुत तेज थीं. उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा शादी के बाद मुख्य रूप से अपने पति से प्राप्त की. 1904 में, कस्तूरबा पहली बार दक्षिण अफ्रीका में राजनीति और सामाजिक सक्रियता में शामिल हुईं. उन्होंने मोहनदास और अन्य लोगों को फीनिक्स सेटलमेंट स्थापित करने में मदद की. (Photo courtesy: Pinterest)
1913 में, उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों की अमानवीय कामकाजी परिस्थितियों का विरोध किया. जिसके लिए उन्हें तीन महीने की जेल की सजा दी गई. जब गांधी जी को हिरासत में लिया जाता था तो वह अक्सर आंदोलनों का नेतृत्व करती थीं. गांधी जी के साथ, वह खादी का चेहरा बनीं और स्वदेशी श्रमिकों को 'स्वदेशी सामान' का उत्पादन करने के लिए सशक्त बनाने में भूमिका अदा की. (Photo courtesy: Pinterest)
1917 में, कस्तूरबा ने चंपारण की महिलाओं की स्थिति में सुधार करने में भी मदद की. यहां गांधी नील बोने वाले किसानों के कल्याण के लिए काम कर रहे थे. उन्होंने साबरमती आश्रम जैसे विभिन्न आश्रमों की मदद और प्रबंधन के लिए काम किया, जिन्हें स्थापित करने का श्रेय मुख्य रूप से गांधी को जाता है. (Photo: mkgandhi.org)
1939 की शुरुआत में, उन्होंने राजकोट में अंग्रेजों के खिलाफ अहिंसक विरोध प्रदर्शन में भाग लिया. उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और एक महीने के लिए एकांत कारावास में रखा गया, जिससे उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया. 1942 में, उन्हें भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने के लिए गिरफ्तार किया गया था और उन्हें पुणे के आगा खान पैलेस में रखा गया था. उन्हें दिल का दौरा पड़ा, यहां तक कि उन्हें निमोनिया भी हो गया था. बीमारी के कारण, 22 फरवरी, 1944 को 74 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया. (Photo courtesy: Pinterest)