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भारत

लगेज रैक से लेकर CCTV कैमरे, USB चार्जिंग और एडवांस सेफ्टी फीचर तक… इन सुविधाओं से लैस होगी मेरठ मेट्रो

मेरठ मेट्रो
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मेरठ मेट्रो प्रोजेक्ट शहर के लिए एक गेम-चेंजर साबित होने वाला है. जल्द ही पूरे मेरठ में मेट्रो चलने लगेगी. मेट्री के 100% ट्रेनसेट भारत में ही बनाए जाएंगे. मेसर्स एल्स्टॉम, जिसे पहले बॉम्बार्डियर के नाम से जाना जाता था, ने इन एडवांस, थ्री-कार ट्रेनसेट को डिलीवर करने की जिम्मेदारी ली है. मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ वे अगले 15 साल तक रोलिंग स्टॉक का रखरखाव भी करेंगे. ट्रेनसेट सावली, गुजरात में बनाए जा रहे हैं. 

मेरठ मेट्रो प्रोजेक्ट
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इन ट्रेनसेटों को 135 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलने के लिए डिजाइन किया गया है. स्टेनलेस स्टील से बने, ट्रेनसेट हल्के और काफी बेहतरीन हैं. इनमें रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम भी लगा है. जिससे एनर्जी बचाने में मदद मिलेगी.  

मेरठ मेट्रो
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मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट को भी यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. एसी कोच में लगेज रैक, ग्रैब हैंडल, सीसीटीवी कैमरे, यूएसबी चार्जिंग पॉइंट और रूट मैप जैसी सुविधाएं भी हैं. इससे यात्रा काफी आरामदायक हो सकेगी. ट्रेन में 173 सीटें हैं. इसमें 700 से ज्यादा यात्री ट्रेवल कर सकते हैं. 

मेरठ मेट्रो
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भीड़ को मैनेज करने के लिए हर स्टेशन पर प्लेटफार्म स्क्रीन डोर्स (PSDs) लगाए जाएंगे. ट्रेनों में सेलेक्टिव दरवाजा खोलने वाला सिस्टम, कम्युनिकेशन सिस्टम, फायर एक्सटीन्गुइशेर, टॉक-बैक सिस्टम जैसे एडवांस सेफ्टी फीचर होंगे. 
 

ट्रेन
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सभी यात्रियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ट्रेन का डिजाइन बनाया गया है. महिलाओं और सीनियर सिटीजन के लिए आरक्षित सीटें हैं. मेडिकल स्ट्रेचर और व्हीलचेयर के लिए भी जगह दी गई है. 
 

मेरठ मेट्रो
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मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट फ्लोरोसेंट हरे, नीले और नारंगी रंग के मिश्रण के साथ आती है. यह डिज़ाइन 'न्यू इंडिया' की आधुनिकता और तकनीकी प्रगति को दिखाता है. मेट्रो कॉरिडोर 23 किलोमीटर तक फैला है, जिसमें पूरे शहर में यात्रियों की सेवा के लिए 13 स्टेशन बनाए गए हैं. अब ट्रैक बिछाने का काम भी तेजी से आगे बढ़ रहा है. एक बार मेट्रो चालू होने के बाद, मेरठ शहर में लोगों को काफी सुविधा हो जाएगी.