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भारत

Mount Abu: राजस्थानी संस्कृति के रंगों से गुलजार शरद महोत्सव में जमकर झूमे सैलानी

शरद महोत्सव का आयोजन
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राजस्थान के हिल स्टेशन माउंट आबू में विदा होते साल और नववर्ष 2023 के स्वागत के तीन दिवसीय शरद महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जो 31 दिसंबर देर रात्रि तक जारी रहेगा. शरद महोत्सव के दौरान हिल स्टेशन की पर्यटकों से गुलजार सड़कों पर राजस्थानी संस्कृति को प्रदर्शित करती शोभा यात्रा निकाली गई. रन फॉर माउंट आबू के लिए बाइक रैली, योगा शो, म्यूजिकल नाइट, आर्मी बैंड, बैलून से आसमान की सैर, पगड़ी प्रतियोगिता, स्लो साइकलिंग, रस्सी खींच के अलावा विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया.

शरद महोत्सव
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जिला कलेक्टर डॉ. भंवर लाल चौधरी ने बताया की आयोजन का उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना है. इसी उद्देश्य के साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों को राजस्थानी संस्कृति के रंग से रूबरू करवाना है.

कलाकारों ने दी प्रस्तुति
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नगरपालिका आयुक्त शिवपाल सिंह राजपुरोहित ने बताया की तीन दिवसीय शरद महोत्सव के दौरान लगातार अलग-अलग आयोजन किए जा रहे हैं, जिनमें योग अभ्यास, म्यूजिकल नाइट,आर्मी बैंड सहित कई कार्यक्रमों को शामिल किया गया है.

शरद महोत्सव में मोहा मन
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शोभायात्रा के दौरान लोकगीत, संगीत की स्वर लहरियों के साथ सड़कों पर थिरकते लोक नर्तकों की घुंघुरूओं की खनक से आबू की शीतल वादियां सराबोर हो उठीं. शोभायात्रा में बैंड पार्टी के साथ लोक कलाकार हाथों में महोत्सव का बैनर लिए चल रहे थे. रंग-बिरंगे झंडे के साथ अपने वाद्ययंत्रों को बजाते चल रहे थे.

महोत्सव का आनंद लेते लोग
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शोभायात्रा पेट्रोल पंप से शुरू होकर कोल डिपो, बस स्टैंड, रोटरी सर्किल, चाचा म्यूजियम, मुख्य बाजार होते हुए नक्की चौक पहुंची. जहां से नक्की झील स्थित गांधी वाटिका पहुंची. शोभायात्रा जहां भी गुजरी हर किसी ने उसे उत्सुकता से देखा. लोगों ने शरद महोत्सव का आनंद लिया.

बैलून से आसमान की सैर
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लोकनर्तक अपनी परंपरागत शैली में नृत्यों का जादू बिखेरते यात्रा के साथ जहां-जहां से गुजरे, मार्ग के दोनों ओर दर्शकों का जनसैलाब ने उनका तालियों से स्वागत किया. कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से सभी का दिल जीत लिया. शरद महोत्सव में बैलून से कलाकारों ने आसमान का सैर किया.

कार्यक्रम पेश करते कलाकार
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पर्यटन स्थल माउंट आबू की शीतल वादियों में जब सुरीले सुर बिखरे तो खुशी की बयार चल पड़ी. यहां हर कोई साल के अंतिम दिनों को यादगार बनाता नजर आया. घुंघुरूओं की घनघनाहट जैसे ही गूंजी, वैसे ही दर्शक रोमांचित हो उठे. 

(राहुल त्रिपाठी की रिपोर्ट)