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भारत

In pics: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल का स्ट्रक्चर बनकर तैयार, ATC टावर का काम लगभग पूरा, अप्रैल 2025 से शुरू होगी उड़ान

Noida International Airport
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प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर तेजी से काम आगे बढ़ रहा है. कहा जा रहा है कि 2025 की अप्रैल में यहां से पहली फ़्लाइट उड़ान भरेगी. नोएडा इंटरनेश्नल एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा. दिल्ली एयरपोर्ट से अगर तुलना करें तो दिल्ली एयरपोर्ट में फिलहाल तीन रनवे हैं जबकि इस एयरपोर्ट में 6 रनवे होंगे.

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एयरपोर्ट का एक रनवे बनकर लगभग तैयार हो गया है. ये रनवे 3.9 किमी लंबा है. इसकी चौड़ाई 60 मीटर है. प्रोजेक्ट हेड दिनेश जामवाल ने बताया कि रनवे बनकर तैयार हो गया है, अभी रनवे पर लाइटिंग का काम बाकी है, जिसके लिए मार्किंग की जा रही है. अगले दो महीने में लाइट का काम भी पूरा कर लिया जाएगा. दावा किया जा रहा है कि रनवे को इस तरह तैयार किया जा रहा है कि बारिश में रनवे पर पानी नहीं भरेगा.

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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का टर्मिनल ही वहां पहुंचने वाले यात्रियों को अलग एहसास कराएगा. ये शायद देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट होगा जहां नई टेक्नॉलजी के साथ साथ यूपी की सांस्कृतिक झलक भी दिखाई पड़ेगी. टर्मिनल के एंट्री प्वाइंट को बनारस के घाट के आधार पर तैयार किया जा रहा है. फिलहाल टर्मिनल का स्ट्रक्चर बनकर तैयार हो गया है. यहां 10 गेट होंगे. एप्रिन एरिया जहां से यात्री अपनी फ़्लाइट पर बोर्ड करेंगे, वो एरिया भी बनकर तैयार हो गया है. कुछ बोर्डिंग ब्रिज भी मंगवा लिए गए हैं. ATC टावर भी बनकर तैयार हो गया है.

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नोएडा इंटरनेश्नल एयरपोर्ट से सितंबर में Colibration Flights उड़ेंगी और दिसंबर में वैलीडेशन फ़्लाइट उड़ेंगी. ये दोनों फ़्लाइट टेस्टिंग के लिए होती हैं जो ये चेक करती हैं कि सभी तरह के मानक पूरे हो रहे हैं या नहीं. दिल्ली एयरपोर्ट पास में होने की वजह से इन दोनों एयरपोर्ट के रूट पर भी विशेष ध्यान दिया गया है ताकि दोनों एयरपोर्ट की फ्लाइट्स के रूट एक्सक्लूसिव रहें. अप्रैल 2025 में पहली कमर्शियल फ़्लाइट उड़ने का दावा किया जा रहा है.

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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट है जो मल्टी कार्गो की तरह बनाया गया है. ये भारत का पहला नेट जीरो एमीशन वाला एयरपोर्ट होगा. यहां एक साथ 178 विमान खड़े हो सकेंगे. यहां से हर साल लगभग 1 करोड़ 20 लाख लोग सफर करेंगे. 2040-50 तक हर साल 7 करोड़ यात्रियों के सफर का अनुमान है.