मकर संक्रांति पर्व को लेकर घर-घर में तैयारियां शुरू हो गई है. बाजारों में मिठाई की दुकान में घेवर सजने के साथ बिक्री शुरू हो गई है. इससे बाजार घेवर की सुगंध से महकने लगे हैं. हलवाइयों की दुकानों पर घेवर के थाल सजे नजर आ रहे हैं.
जिन हलवाइयों का घेवर प्रसिद्ध हैं उनके यहां शाम तक घेवर बचता ही नहीं है। साथ के साथ घेवर बनाते ही बिक जाता है. इसी के साथ मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ से बनी खाद्य वस्तुओं के दान पुण्य का विशेष महत्व होने पर बाजारों में खरीदारी बढ़ गई है.
शहर के छोटे बाजार स्थित चमड़िया हलवाई की दुकान पर घेवर, फीणी और इमरती की बढ़ती मांग को लेकर विशेष तैयारियां की गई हैं. कान्हा राजेश चमड़िया हलवाई ने बताया कि मकर संक्रांति को लेकर लोगों में हर्ष है, हालांकि अभी सर्दी और कोहरे के पूर्व मकर संक्रांति करीब आने पर धीरे-धीरे बाजार में तेजी आएगी.
देशी घी के घेवर 350 रुपए और डालडा के 200 रुपए प्रति किलो का भाव है. वहीं प्रति नग के हिसाब से देशी घी की इमरती का 35 रुपए का भाव है. वहीं मलाई घेवर 70 रुपए प्रति नग के हिसाब से बेचा जा रहा है. उन्होंने बताया कि फीका घेवर 30 रुपए प्रति नग के भाव से मिलता है.
इसी तरह देशी घी की फीणी 360 रुपए और डालडा घी की फीणी 160 रुपए प्रति किलो बिक रही है. वहीं फीकी फीणी का भाव 400 रुपए प्रति किलो का भाव है. दरअसल फतेहपुर में मकर संक्रांति पर बहन-बेटियों के ससुराल घेवर भेजने की परंपरा है. घर परिवार की महिलाओं ने थालियों में घेवर को सजाकर बहन-बेटियों के लिए भेजना भी शुरू कर दिया है.
फोटो साभार: राकेश गुर्जर