हम सब जानते हैं कि आज दुनिया में पानी की बहुत ज्यादा कमी है. लगातार पानी के संरक्षण की दिशा में काम किया जा रहा है. हर साल 22 मार्च को World Water Day भी मनाया जाता है ताकि लोगों को पानी के प्रति संवेदनशील और जागरुक बनाया जा सके. पिछले कुछ सालों में बहुत से लोग सामने आए हैं जो जल योद्धा बनकर इस मुश्किल से लड़ रहे हैं.
इन चेंजमेकर्स के काम को पहचान देने के लिए सरकार भी कदम उठा रही है. जल मंत्रालय इन जल योद्धाओं को जलशक्ति पुरस्कार से नवाज़ रहा है. आज इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे ही Water Warriors के बारे में.
संजय सिंह ने जल संरक्षण में 25 साल समर्पित किए हैं और जन जल जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक हैं. उनका संगठन परमार्थ समाज सेवी संस्थान वर्तमान में पूरे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के 600 गांवों में सक्रिय है. जल सहेली समूहों के गठन के पीछे संजय का हाथ है. वर्तमान में, पूरे देश में 226 गांवों और 226 पानी पंचायतों में 886 जल सहेली समूह काम कर रहे हैं. सिंह 2011 में जल सहेली (महिला जल योद्धा) और पानी पंचायत (जल पंचायत) के माध्यम से जल संरक्षण पर काम कर रहे हैं. (Photo: Twitter)
उमा शंकर एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और सर्वोदय आदर्श ग्राम समिति के सदस्य हैं. उन्होंने भारत के पहले जल ग्राम के निर्माण में अग्रणी और जीवंत भूमिका निभाई. उनके दृढ़ प्रयासों के लिए, उमा शंकर को जल शक्ति मंत्रालय द्वारा दूसरे राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में सबसे प्रतिष्ठित 'जल योद्धा' पुरस्कार से सम्मानित किया गया. पानी की कमी के कारण अपने गांव में खेती विफल होने के कारण बेरोजगारी युवा शहरों की ओर पलायन कर रहे थे. उमा शंकर ने बांदा जिले के अपने गांव जखनी को जलग्राम में बदलने का संकल्प लिया. अपने अनोखे कॉन्सेप्ट, खेत में मेढ़ और मेढ़ पर पेड़ से उन्होंने आज जखनी की तस्वीर बदल दी है.
रामवीर तंवर एनजीओ 'Say Earth' के संस्थापक हैं, जो अपने कॉलेज के दिनों से ही तालाबों के कायाकल्प के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं. जल क्षेत्र में अपने प्रयासों के लिए, रामवीर को ताइवान से 10,000 अमरीकी डालर के अनुदान के साथ 'शाइनिंग वर्ल्ड प्रोटेक्शन' पुरस्कार और ICONGO और संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित 'रेक्स कर्मवीर चक्र' पुरस्कार मिला है. वह टेड एक्स स्पीकर भी हैं. तंवर अपनी टीम के साथ उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, चंडीगढ़ में 20 से अधिक तालाबों को पुनर्जीवित कर चुके हैं. वर्तमान में उन्होंने 26 तालाबों के पुनरुद्धार का काम हाथ में लिया है जिसमें युवाओं ने स्वेच्छा से भाग लिया है और 2021 में उन्होंने स्वयं और उनकी टीम ने आठ नए तालाबों का निर्माण किया है और लगभग नौ तालाबों का पुनरुद्धार किया है. (Photo: Twitter)
दूसरे National Water Awards में जल योद्धा पुरस्कार के विजेता, अक्षय अग्रवाल एक जल उद्यमी हैं, जो रेन वाटर हार्वेस्टिंग कंपनी, S.R.K. Metals & Plastic चलाते हैं. लगभग एक दशक से वर्षा जल संचयन के क्षेत्र में सक्रिय, उन्होंने असम और भारत के अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों में 1,000 से अधिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट्स के निर्माण में मदद की है. (Photo: LinkdIn)