रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन ने गुजरात के ग्रीनलैंड में एक प्रोजेक्ट की शुरुआत की. जिसमें जंगली जानवरों को बचाया जाएगा और उनकी देखभाल की जाएगी. इस प्रोजेक्ट को वंतारा नाम दिया गया है. वंतारा रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निदेशक अनंत अंबानी का ड्रीज प्रोजेक्ट है.
इस प्रोजेक्ट के तहत जामनगर में रिलायंस रिफाइनरी कॉम्पलेक्स के ग्रीन बेल्ट में 3000 एकड़ को जंगल में बदला गया है. इसका मकसद अत्याधुनिक स्वास्थ्य देखभाल, अस्पतालों, रिसर्च और एजुकेशन सेंटर्स समेत बेहतर क्वालिटी के पशु संरक्षण और देखभाल के सिस्टम निर्माण करना है.
वंतारा का लक्ष्य सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया और दूसरे संबंधित सरकारी संगठनों के साथ साझेदारी करना है. इस प्रोजेक्ट के तहत भारत के सभी 150 से अधिक चिड़ियाघरों को बेहतर बनाने में मदद की जाएगी.
इस प्रोजेक्ट के पशु बचाव एवं पुनर्वास केंद्र कई जानवर हैं, जिनको खतरनाक माहौल से बचाया गया है. इस केंद्र में 2100 कर्मचारी काम करते हैं. इसमें 200 से अधिक तेंदुओं को रखा गया है, जिनको सड़क हादसों या शिकारियों से बचाया गया है. इसमें एक हजार से अधिक बचाए गए मगरमच्छों को रखा गया है.
इस पशु एवं पुनर्वास केंद्र में 43 प्रजातियों के 2000 से अधिक जानवरों को बचाया गया है. इसमें 200 हाथियों के अलावा 300 से अधिक शाकाहारी जानवर हैं. इसमें 1200 से अधिक सरीसृप जैसे मगरमच्छ, सांप और कछुए हैं.
इस प्रोजेक्ट के तहत हाथियों के लिए 600 एकड़ की जगह तैयार की गई है, जिसमें हाथी नेचुरल माहौल में फ्री होकर रह सकेंगे. इसमें हाथियों की सर्जरी के लिए भी इंतजाम किया गया है. हाथियों की देखभाल के लिए आयुर्वेदिक टेक्नीशियंस को भी तैनात किया गया है. इसमें हॉट ऑयल मसाल से लेकर मुल्तानी मिट्टी का लेप तक शामिल है. आयुर्वेद डॉक्टर 24 घंटे तैनात रहेंगे.
यहां का हाथी अस्पताल सबसे बड़े अस्पतालों में से एक है. यह 2500 मीटर लंबा है. इस अस्पताल में पोर्टेबल एक्सरे और लेजर मशीनों, एक फॉर्मेसी सेंटर, एक पैथोलॉजी लैब, हाइड्रोलिक पुली और क्रेन, एक हाइड्रोलिक सर्जिकल टेबल और एक हाइपरबेरिक ऑक्सीजन रूम भी है.
इसके अलावा इस प्रोजेक्ट में 14 हजार स्क्वायर फीट में एक खास किचन बनाया गया है. इसमें अलग-अलग हाथियों के स्वास्थ्य और जरूरत के हिसाब से खाना तैयार किया जाता है.
अनंत अंबानी ने बताया कि राधा कृष्ण एलीफैंट वेलफेयर ट्रस्ट के तहत पिछले कुछ सालों में 200 से ज्यादा हाथियों को बचाया गया है. उन्होंने कहा कि यह कोई चिड़ियाघर नहीं है, बल्कि ये सेवालय है. हम अपना काम पूरे सेवाभाव से करते हैं.
वंतारा भारत में इस तरह की पहली पहल है. वंतारा प्रोजेक्ट ने मैक्सिको और वेनेजुएला जैसे देशों में बड़े जानवरों को बचाने के अभियान सहयोग किया है.