हमारे छोटे-छोटे कदम बड़े बदलाव ला सकते हैं. और सबसे पहली शुरुआत हमें पेड़ लगाने से करनी चाहिए. हमें अपने आसपास ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिएं और उनकी देखभाल करें ताकि पेड़ों के कटने से प्रदूषण का स्तर जो बढ़ने लगा है उसे कंट्रोल किया जा सके.
आप अपने आस-पास सफाई अभियान शुरू कर सकते हैं और अपने पड़ोसियों को इसमें शामिल कर सकते हैं. ऐसा करने से कई तरह के वायु, जल और मिट्टी के प्रदूषण और उनसे जुड़ी विभिन्न बीमारियों से बचा जा सकता है. इससे हमें स्वस्थ वातावरण बनाए रखने में मदद मिलेगी, जो हर इंसान के लिए फायदेमंद है. (Photo: Flickr)
दिन-प्रतिदिन प्लास्टिक का उपयोग धीरे-धीरे कम करें. इसे एक आदत बना लें कि आप अपना सामान प्लास्टिक की थैलियों में न रखें. इसके बजाय, सूती बैग, या जूट बैग लें, जिन्हें आप बार-बार उपयोग कर सकते हैं. आप बायोडिग्रेडेबल बैग का भी उपयोग कर सकते हैं. (Photo: Unsplash)
आजकल हर किसी के पास ट्रांसपोर्ट के लिए बाइक, स्कूटी और कार जैसे साधन उपलब्ध हैं. जरा सी दूरी के लिए भी लोग बाइक-कार का इस्तेमाल करते हैं जो गलत है. अगर आप पर्यावरण के हित में काम करना चाहते हैं तो सबसे पहले ट्रांसपोर्ट के साधनों में बदलाव करें. कम दूरी तय करनी है तो साइकिल अपनाएं. इससे आपकी सेहत भी अच्छी रहेगी. साथ ही, जितना हो सके पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें. (Photo: Unsplash)
अपने घर में छोटा ही सही लेकिन किचन गार्डन जरूर लगाएं. खासकर कि शहरों में हर किसी को अपनी छत पर हरियाली बढ़ानी चाहिए. अपने बच्चों को गार्डनिंग एक्टिविटी में शामिल करें ताकि उन्हें पर्यावरण का महत्व पता चले. (Photo: Unsplash)
अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में 3R अपनाएं- रिड्यूज, रियूज और रिसायकल. इसका मतलब है कि जितना हो सके उतने कम से कम सुविधाओं में अपना काम चलाएं. जैसे प्लास्टिक की चीजों को कम से कम करें. इसके बाद किसी भी चीज को फेंकने से पहले सोचें कि क्या आप इसे फिर से इस्तेमाल कर सकते हैं. जैसे कपड़ों के बैग, स्टील के बर्तन, बोतल आदि. तीसरा लेकिन सबसे अहम है कि आप चीजों को रिसायकल करना सीखें. जैसे प्लास्टिक की बोतलों से प्लांटर बनाना, पुराने कपड़ों को फिर से इस्तेमाल करना.