जीने की उम्मीद हो तो आप मौत के मुंह से भी निकलकर वापस लौट सकते हैं. इस कहावत को 107 साल की एक महिला ने पूरा किया है. गुजरात के एक अस्पताल में महिला की सफल एंजियोप्लास्टी की गई. दरअसल, इन्हें हार्ट अटैक आया था और मध्य प्रदेश से 8 घंटे के ट्रेवल करने के बाद इन्हें गुजरात के अस्पताल में लाया गया. डॉक्टर ने यह तक कह दिया था कि इनके बचने की ज्यादा उम्मीद नहीं है.
107 साल की ये दादी जिंदगी और मौत के बीच दो-दो हाथ कर अब सुरक्षित बाहर आ गई हैं. मध्य प्रदेश के मंदसौर की रहने वाली बादाम बाई व्यास को हार्ट अटैक आने के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था लेकिन, यहां पर दो दिन आईसीयू में रहने के बाद उन्हें डॉक्टर ने घर भेज दिया लेकिन. एक दिन फीर इनके दिल में दर्द उठने लगा. परिवार ने फैसला लिया की इस बार इन्हें अहमदाबाद के अस्पताल लेकर जाएंगे, जहां इनका प्रोपर ट्रीटमेंट हो सके.
जीने की चाह से मिली एक और जिंदगी
जब 8 घंटे का सफर तय कर अहमदाबाद पहुंचे तो डॉक्टर ने भी परिवार वालों को कह दिया की इनको बचाना थोड़ा मुश्किल होगा लेकिन, परिवार वालों की इच्छा और उनके जीने का चाह के बाद डॉक्टर ने ऑपरेशन शुरू किया और उनकी एंजियोप्लास्टी की गई. इस उम्र में एंजियोप्लास्टी करना इतना आसान नहीं था लेकिन, डॉक्टर ने भी पूरी कोशिश कर इस ऑपरेशन को सफल बनाया.
अहमदाबाद के मेरेंगो सिम्स अस्पताल में उनका ट्रीटमेंट चल रहा है. हालांकि, अब वह पूरी तरह से ठीक हैं. बादाम बाई के बेटे ने भी 70 साल की उम्र में दो साल पहले इसी अस्पताल में हार्ट सर्जरी कराई थी. उनके दूसरे बेटे की मौत 80 साल की उम्र में कोरोना के कारण हुई थी.
ये भी पढ़ें :