दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट फतह करना हर पर्वतारोही का सपना होता है. कोई एक बार एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ता है तो वो इसे आजीवन याद रखता है. लेकिन भारतीय एक महिला ऐसी है, जिसने ये कारनामा दो बार किया है. उनका नाम संतोष यादव है. संतोष यादव ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को 2 बार फतह करने वाली दुनिया की पहली महिला हैं. उन्होंने ये कारनामा 10 मई 1993 को किया था.
संतोष यादव का 2 बार एवरेस्ट फतह-
भारतीय पर्वतारोही संतोष यादव ने 8848 मीटर के माउंट एवरेस्ट पर 2 बार चढ़ाई की है. संतोष ऐसा करने वाली दुनिया की पहली महिला पर्वतारोही हैं. उन्होंने साल 1992 में मई महीने में पहली बार एवरेस्ट फतह किया था. इसके अगले साल यानी 1993 में संतोष ने दूसरी बार एवरेस्ट पर चढ़ाई का प्लान बनाया. उन्होंने मई महीने में चढ़ाई शुरू की और 10 मई को एवरेस्ट पर पहुंचीं. उन्होंने ऐसा करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. इतना ही नहीं, संतोष यादव ने कांगसुंग की तरफ से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली दुनिया की पहली महिला भी बनी थीं.
ITBP में संतोष यादव की तैनाती-
संतोष यादव हरियाणा के रेवाड़ी की रहने वाली हैं. उनका जन्म जोनियावास गांव में साल 1968 में हुआ था. उस वक्त उनके गांव में लड़कियों की पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता था. लेकिन उनके माता-पिता ने इस सोच को दरकिनार करके संतोष यादव को पढ़ाया. संतोष यादव ने उच्च शिक्षा जयपुर के महारानी कॉलेज से पूरी की.
संतोष यादव आईटीबीपी में अधिकारी हैं. उनको कई पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है. साल 1994 में उनको राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार से नवाजा गया. जबकि साल 2000 संतोष यादव को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
पढ़ाई के लिए पिता में मिले ताने-
संतोष यादव की शुरुआती पढ़ाई लिखाई गांव में ही हुई है. उन दिनों गांव में लड़कियों को पढ़ाने का रिवाज नहीं था. संतोष के पढ़ाने पर पिता को समाज के ताने भी सुनने पड़े थे. लोग कहते थे कि छोरी को पढ़ाकर क्या करेगा? संतोष यादव ने आईएएस की भी तैयारी की थी. हालांकि उनका चयन नहीं हो पाया. संतोष ने हमेशा से माना कि भले ही आईएएस में चयन नहीं हो पाया. लेकिन पढ़ाई से बहुत फायदा हुआ.
... जब सामने थी मौत-
संतोष यादव को कई बार चढ़ाई के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ा. एक बार कंचनजंघा की चढ़ाई के समय संतोष को मुश्किल हालात से गुजरना पड़ा था. वो तूफान में फंस गई थीं. वो पेंडुलम की तरह लटकी हुई थी. उनके साथी फुदोर्जे को तूफान उड़ा ले गया था. संतोष यादव के सामने मौत थी. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और इस मुश्किल परस्थिति से बाहर आईं.
चोटी पर चढ़ाई के लिए डॉक्टर ने किया था फेल-
साल 1993 में एवरेस्ट पर चढ़ाई से पहले मेडिकल जांच में संतोष यादव को फेल कर दिया गया था. डॉक्टर ने बताया था कि उनके फेफड़े बहुत छोटे हैं. इसलिए कैंप में ना जाने की सलाह दी गई थी. हालांकि डॉक्टर को ये पता नहीं था कि संतोष यादव इससे पहले यानी साल 1992 में एवरेस्ट फतह कर चुकी हैं. इसके बाद जब एक साथी ने उनका परिचय डॉक्टर से कराया तो तब जाकर उनको मेडिकल जांच में पास किया गया.
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