कहते हैं प्रतिभा या काबिलियत छुपाए नहीं छुपती. काबिलियत अपने आप दुनिया के सामने आ जाती है. राजस्थान के बाड़मेर के 10 वीं के छात्र ने ऐसा ही कुछ कमाल कर दिखाया है. राजस्थान के इस होनहार लड़के ने अपनी जिंदगी में कभी एटीएम का इस्तेमाल तो नहीं किया लेकिन इसने कबाड़ से एटीएम जरूर बना दिया. अब ये लड़का चर्चा का विषय बना हुआ है.
राजस्थान के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले भरत जोगल के कबियालत उनके प्रॉजेक्ट में साफ नजर आती है , जिस गांव में एटीएम न हो, जिस बच्चे ने कभी एटीएम का इस्तेमाल नही किया हो, उस बच्चे ने एटीएम मशीन तैयार कर दी ये सुन कर हर कोई हैरान है. भरत जोगल का हुनर देख कर हर कोई यही कह रहा है कि ग्रामीण क्षेत्र में काबिलियत बहुत है बस सही दिशा मिलने की देर है , भरत के पिता मजदूरी करते है घर के हालत भी बहुत अच्छे नहीं है . ऐसे में भरत को स्कूल से कुछ बनाने का प्रोजेक्ट मिला साइंस के विद्यार्थी भरत ने सोचा क्यों न घर में पड़े कबाड़ से कुछ अलग बनाया जाए और फिर शुरू हुआ एटीएम बनाने का सिलसिला.
भरत ने कबाड़ से जो एटीएम बनाया है, वह ओरिजिनल मशीन की तरह ही काम करता है. इसमें जैसे ही आप एटीएम में कार्ड डालेंगे, ये आपसे पिन मांगेगा, पिन नंबर जैसे ही दबाएंगे उसके बाद कितने पैसे आपको निकलने है ये टाइप करना होगा और उसके बाद नोट बाहर ते हैं , इसमें भरत ने नोट के साथ सिक्कों का प्रावधान रखा है जैसे अगर कोई 110 रुपए एटीएम में निकालता है तो एक 100 रुपए का नोट और एक 10 सिक्का निकलेगा.
भरत की ये एटीएम मशीन केंद्र सरकार की इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के तहत तैयार किया है. भरत की बनाई मशीन का सेलेक्शन पहले स्टेट और अब नेशनल लेवल के लिए हुआ है.भरत का कहना है कि घर में पड़े कबाड़ से ये मशीन तैयार की उसने वायर, कागज, मोटर, रबड़, ढक्कन बेकार पड़े सामान को लेकर एटीएम मशीन बनाई है. इसको बनाने में 10 दिन का समय लगा.