Drone Pilot Rinsha Pattakal : केरल के मलप्पुरम की रहने वाली रिंशा ने 12वीं पास करने के बाद और कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले एक कौशल सीखने की फैसला किया. इसी कौशल के कारण अब 18 साल की आयु में रिंशा ने इतिहास रच दिया है. वह 25 किलोग्राम तक वजन वाला ड्रोन उड़ाने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से लाइसेंस प्राप्त करने वाली राज्य की पहली महिला बन गई हैं.
बीटेक में एडमिशन का इंतजार करने से पहले रिंशा ने ड्रोन उड़ाने के कौशल सीखने का फैसला किया. केरल में डीजीसीए ड्रोन उड़ान प्रशिक्षण केंद्र, कासरगोड में एएसएपी केरल सामुदायिक कौशल पार्क में उन्होंने ड्रोन उड़ाने के हुनर सीखा. रिन्शा अपनी सफलता के लिए एर्नाकुलम (Ernakulam) के एक संगठन ऑटोनॉमस अनमैन्ड एरियल सिस्टम्स (Autonomous Unmanned Aerial Systems) प्राइवेट लिमिटेड को भी इसका श्रेय दिया है. हैं, जो ASAP के सहयोग से ड्रोन पायलटों को ट्रेनिंग देता है.
पिता ने किया प्रोत्साहित
रिंशा के पिता ने ड्रोन के प्रति उनका लगाव देखने के बाद उन्हें ड्रोन उड़ाने का कौशल सीखने के लिए प्रोत्साहित किया. रिंशा पट्टकल ASAP के पहले ड्रोन उड़ान प्रशिक्षण बैच में एकमात्र महिला छात्रा थी. उन्होंने अपनी सफलता से देश भर की युवा महिलाओं के लिए उदाहरण स्थापित किया है.
कैसे लें ड्रोन उड़ाने का लाइसेंस
भारत में ड्रोन का संचालन के लिए डीजीसीए ड्रोन रिमोट पायलट प्रमाणपत्र अब अनिवार्य है. ASAP केरल का कोर्स ड्रोन उड़ान नियमों और विनियमों की जरुरी प्रदान करता है, जिससे पायलट एक जिम्मेदार और सुरक्षित संचालन कर सकें. 18 वर्ष से अधिक आयु के इच्छुक पायलट जिन्होंने दसवीं कक्षा उत्तीर्ण की है और जिनके पास वैध पासपोर्ट है, वह इस कोर्स में अपना नामांकन करा सकते हैं.