संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सरकार ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. बैठक में 31 राजनीतिक दलों के 42 नेताओं ने भाग लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठक में शामिल नहीं हुए. इस पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'मोदी जी ने सर्वदलीय बैठक में आने की परंपरा शुरू की थी. इससे पहले सिर्फ संसदीय कार्य मंत्री ही आते थे. लेकिन आज पीएम नहीं आ सके.' वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'हम उम्मीद कर रहे थे कि पीएम मोदी बैठक में आएंगे. हम किसानों के बिल पर उनकी राय जानना चाहते थे." इस बैठक के बाद भाजपा संसदीय कार्यकारिणी की भी बैठक हुई.
क्या था चर्चा का विषय?
बैठक में अधिकांश विपक्षी दलों ने पेगासस, महंगाई और बेरोजगारी पर चर्चा की मांग की. बैठक में विचार-विमर्श से अवगत सूत्रों ने कहा कि विपक्षी नेताओं ने पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों में सीमा सुरक्षा बल के विस्तृत अधिकार क्षेत्र का भी मुद्दा उठाया. सूत्रों के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून लाने और लाभकारी सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश का मुद्दा उठाया था.
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया कि, "आज की सर्वदलीय बैठक में महंगाई, ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी, किसानों के मुद्दों और कोविड-19 सहित कई मुद्दों को उठाया गया. सभी दलों की मांग है कि एमएसपी की गारंटी वाला कानून बनाया जाए. साथ ही हमने कोरोना से पीड़ितों के परिवार वालों को 4 लाख रुपये मुआवजा देने की भी मांग की है. हमारा मानना है कि कृषि कानूनों के विरोध के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को भी मुआवजा दिया जाना चाहिए.
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बैठक के बाद ने कहा, "कई सुझाव आए हैं. सरकार बिना किसी व्यवधान के नियम के तहत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. सरकार को उम्मीद है कि संसद में अच्छी चर्चा होगी."
बीच बैठक में बाहर निकल गए आप नेता
इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह बीच बैठक से उठकर बाहर चले गए. उन्होंने कहा कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य पर विधेयक लाने का किसानों का मुद्दा उठा रहे थे, लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया. उन्होंने कहा, "सरकार किसी को बोलने नहीं देती. फिर ऐसी बैठक का क्या मतलब है?"
बैठक में कौन शामिल हुआ?
प्रथागत सत्र-पूर्व की बैठक में उपस्थित प्रमुख विपक्षी नेताओं में कांग्रेस से मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी और आनंद शर्मा, डीएमके से टीआर बालू और तिरुचि शिवा, एनसीपी से शरद पवार, शिवसेना से विनायक राउत, समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, बसपा से सतीश मिश्रा, बीजद से प्रसन्ना आचार्य और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला शामिल थे.
संसद का शीतकालीन सत्र
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार 29 नवंबर से शुरू होगा और 23 दिसंबर को समाप्त होने की संभावना है. तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने वाला विधेयक सोमवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा संसद में पेश किए जाएंगे. सरकार ने सत्र के दौरान सरकार ने 26 बिल पेश करने की तैयारी की है.