scorecardresearch

E-Buses in Delhi: G20 समिट से पहले दिल्ली की सड़कों पर उतरीं 400 इलेक्ट्रिक बसें, CCTV, पैनिक बटन और GPS सिस्टम से लैस

हाल ही में, और 400 इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली की सड़कों पर उतरी हैं. वायू प्रदूषण से जूझ रहे इस शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों की बहुत जरूरत है. यह बहुत अच्छी बात है कि दिल्ली में देश में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें हैं.

Electric Buses in Delhi Electric Buses in Delhi
हाइलाइट्स
  • केंद्र सरकार दे रही है सब्सिडी

  • राजधानी में 800 ई-बसें चल रही हैं

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मंगलवार को 400 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में ऐसे वाहनों की संख्या 800 हो गई है. केजरीवाल ने कहा कि उनका लक्ष्य 2025 के अंत तक दिल्ली की सड़कों पर 8,000 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें चलाने का है. 

इसके बाद, शहर में 10,000 से ज्यादा बसें होंगी, जिनमें से 8,280 या 80% इलेक्ट्रिक होंगी. दिल्ली इलेक्ट्रिक बसों को अपनाने के लिए दुनिया भर में जानी जाएगी. एलजी ऑफिस की तरफ से पोस्ट किया गया कि ये 400 बसें दिल्ली में एक मजबूत और ग्रीन पब्लिक ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए FAME-II योजना के तहत भारत सरकार द्वारा दी जा रही 1,500 ई-बसों की पहली किश्त हैं. 

केंद्र सरकार दे रही है सब्सिडी
एलजी कार्यालय ने कहा कि इस योजना के तहत 1,500 बसों में से 921 को केंद्र सरकार 417 करोड़ रुपये की FAME-II सब्सिडी दे रही है, जबकि दिल्ली सरकार शेष 579 बसों के लिए 262 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रही है. उपराज्यपाल कार्यालय के मुताबिक, ये इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली के लोगों को आरामदायक और सुरक्षित परिवहन प्रदान करने के अलावा, शहर में वायु प्रदूषण से लड़ने और उसे कम करने में काफी मदद करेंगी. 

केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश में 800 इलेक्ट्रिक बसों की संख्या दिल्ली में सबसे ज्यादा है. दिसंबर 2025 तक दिल्ली की सड़कों पर 10,480 बसें चलाने का लक्ष्य है. इनमें से 80% - 8,280 - इलेक्ट्रिक बसें होंगी. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, "हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आगामी जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दुनिया के विभिन्न हिस्सों से दिल्ली आने वाले लोग इसे एक खूबसूरत शहर के रूप में देखें. 

ई-बसों की खासियत
इलेक्ट्रिक बसें सीसीटीवी कैमरे, पैनिक बटन और जीपीएस से लैस हैं. वाहन एक बार चार्ज करने पर 225 किमी तक चल सकते हैं. बसें मायापुरी, नेहरू प्लेस, रोहिणी 1 और 2 और बंदा बहादुर मार्ग डिपो को कवर करेंगी. गहलोत ने कहा कि इस साल के अंत तक दिल्ली में 1,900 ई-बसें तैनात की जाएंगी, जिससे सालाना 1 लाख टन से अधिक CO2 उत्सर्जन कम होगा. 

गहलोत के मुताबिक, केंद्र सरकार ने जहां 921 बसों पर 417 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है, वहीं दिल्ली सरकार इन बसों को 12 साल तक चलाने का खर्च 3,674 करोड़ रुपये वहन करेगी, जो कुल लागत का 90% है. परिवहन मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने अतिरिक्त 3,980 इलेक्ट्रिक बसों के लिए अनुबंध दिया है, जो जल्द ही आना शुरू हो जाएंगी.