दिल्ली सरकार ने कुछ निजी ऑपरेटरों से 550 बसें किराए पर ली हैं. ये बसें पर्यावरण सेवा कार्यक्रम के तहत 22 नवंबर से दिल्ली की सड़कों पर दौड़ने लगेंगी. दिल्ली में अधिकारी पर्यावरण की खराब हालत को लेकर काफी चिंतित हैं, जिसकी वजह से उन्होंने ये कदम उठाया है. सरकार का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा लोग निजी वाहन का उपयोग करने के बजाये सरकारी वाहनों का उपयोग करें. दिल्ली सरकार ने हाल ही में निजी ऑपरेटरों से 1,000 सीएनजी बसें किराए पर लेने का फैसला किया है.
अब तक 750 बसों को किया जा चुका रजिस्टर
अब तक 750 से अधिक बसों को रजिस्टर कराया जा चुका है, जिनमें से लगभग 550 बसें आज से पर्यावरण सेवा के तहत विभिन्न मार्गो पर अपनी सेवा देंगी. परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि ये बसें भारी मात्रा में यात्री लेकर विभिन्न मार्गों पर चक्कर लाएंगी ताकि सार्वजनिक परिवहन में वृद्धि की जा सके.
दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और डीआईएमटीएस की क्लस्टर योजना शहर में लगभग 7,000 बसें चलाती है. हालांकि आधिकारिक अनुमान 11,000 से अधिक बसों की मौजूदा मांग के अनुसार आवश्यकता को पूरा करते हैं. अधिकारी ने कहा कि हमने प्राइवेट ऑपरेटरों से बसें ली हैं, ताकि निजी वाहनों का उपयोग कर रहे लोगों पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जा सके.
सरकार ने दी खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने यात्रियों को बसों और मेट्रो में खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति दे दी है. पिछले महीने बसों और मेट्रो सेवाओं को पूर्ण बैठने की क्षमता के साथ चलाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए यात्रियों को भीडभाड़ से दूर रखने के लिए खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं थी.
दिल्ली सरकार इससे पहले भी प्रदूषण की रोकथाम के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा चुकी है. सरकार ने पुराने डीजल वाहनों के मालिको को राहत देते हुए उसे इलेक्ट्रानिक व्हीकल्स में कंवर्ट करने की इजाजत दी थी, ताकि उन्हें 10 साल बाद भी दिल्ली-एनसीआर में चलाया जा सके.