भारतीय सेना ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद फरवरी 2020 से अब तक 577 महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया है. जिसने महिला अधिकारियों को भी अपनी इकाइयों की कमान के लिए योग्य बना दिया है. सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि पिछले साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद भारतीय सेना में 557 महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन (PC) दिया गया है. रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक सवाल के जवाब में कहा कि किसी भी महिला अधिकारी को स्थायी कमीशन देने में कोई देरी नहीं हुई है.
अजय भट्ट ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के 17 फरवरी के फैसले के बाद 557 महिला अधिकारियों को भारतीय सेना में स्थायी कमीशन दिया गया है." उनका यह जवाब उन महिला सैन्य अधिकारियों की संख्या के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में आया, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद स्थायी कमीशन दिया गया था. सभी 72 महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने की समय सीमा के बारे में पूछे जाने पर रक्षा राज्य मंत्री ने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुपालन में 63 पात्र महिला अधिकारियों को 25 नवंबर तक स्थायी कमीशन दिया गया है."
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल फरवरी में दिया था आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल फरवरी में सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया था कि महिला अधिकारियों को सेना में स्थायी कमीशन दिया जाए. इससे पहले सरकार ने महिला अधिकारियों को मातृत्व और बच्चे की देखभाल के लिए आगे के क्षेत्रों में खराब स्वच्छता, अलगाव और ग्रामीण पृष्ठभूमि के सैनिकों को महिला अधिकारियों को कमांडर के रूप में स्वीकार नहीं करने जैसे विचित्र कारणों का हवाला देते हुए स्थायी कमीशन देने का विरोध किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सेना ने बदली नीति
आर्मी एयर डिफेंस (AAD), सिग्नल, इंजीनियर्स, आर्मी एविएशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर्स (EME), आर्मी सर्विस कॉर्प्स (ASC), आर्मी ऑर्डनेंस कॉर्प्स जैसी धाराओं में शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने की अनुमति है. इसके साथ ही AOC और इंटेलिजेंस कॉर्प्स के अलावा जज और एडवोकेट जनरल और आर्मी एजुकेशनल कॉर्प्स में भी महिलाओं की नियुक्ति की जा सकती है. महिला अधिकारी अभी भी पैदल सेना, तोपखाने और बख़्तरबंद वाहिनी में सेवा नहीं दे सकती हैं.
सेना ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पुरुष और महिला अधिकारियों के लिए सेवा शर्तों में संतुलन लाने के लिए प्रशिक्षण, शारीरिक सहनशक्ति और पोस्टिंग और सेवा पाठ्यक्रम जैसे मुद्दों पर अपनी नीति को भी बदल दिया है. सेना में अब तक महिलाओं का प्रवेश केवल शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) के माध्यम से होता था और अधिकांश 14 साल से अधिक सेवा नहीं दे सकती थीं.