scorecardresearch

5Th August in History: Rajya Sabha में पेश किया गया था अनुच्छेद 370 हटाने का ऐतिहासिक बिल, जिससे बदल गई Jammu-Kashmir की आबोहवा

साल 2019 में 5 अगस्त को केंद्र की मोदी सरकार ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और सूबे को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का बिल पेश किया था. इस बिल को 6 अगस्त को लोकसभा में पारित किया गया. इसके बाद 9 अगस्त को राष्ट्रपति से इसको मंजूरी मिल गई. इस तरह से ये कानून लागू हो गया.

Lal Chowk in Srinagar (Photo/PTI) Lal Chowk in Srinagar (Photo/PTI)

5 साल पहले आज के दिन यानी 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार ने एक ऐसा फैसला किया था, जिससे सूबे की पूरी तकदीर बदल गई. सरकार ने साल 2019 में 5 अगस्त को ही जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम विधेयक राजयसभा में पेश किया था. इस बिल का मकसद अनुच्छेद 370 का क्लॉज 1 छोड़कर सभी क्लॉज खत्म करना था. क्लॉज 1 में जम्मू-कश्मीर में भारत का संविधान लागू होने का जिक्र है. 6 अगस्त को इस बिल को लोकसभा में पारित किया गया. 9 अगस्त को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई. जिसके बाद जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हट गया.

5 अगस्त को क्या हुआ था-
5 अगस्त 2019 से पहले जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू था. इस दिन केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार राज्यसभा में बिल लेकर आई. इस बिल में अनुच्छेद 370 का क्लॉज 1 छोड़कर सभी क्लॉज खत्म करने का प्रावधान था. इसके साथ ही राज्य को 2 हिस्सों में बांट दिया गया. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया. बाद में इसे लोकसभा में पारित कराया गया और फिर राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये कानून बन गया.

क्या था अनुच्छेद 370-
संविधान में अनुच्छेद 370 को 17 अक्टूबर 1949 को शामिल किया गया था. यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर को भारत के संविधान से अलग रखता था. जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार के सारे कानून लागू नहीं होते थे. अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर सरकार को अधिकार था कि वो अपना संविधान खुद तैयार करे. इस आर्टिकल में ये भी प्रावधान था कि अगर संसद को कोई कानून जम्मू-कश्मीर में लागू करना है तो उसे सूबे की सरकार से मंजूरी लेनी होती थी. जम्मू-कश्मीर का अपना अलग झंडा था. इसके साथ ही इस अनुच्छेद के मुताबिक राष्ट्रपति के पास राज्य का संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार भी नहीं था. इस आर्टिकल के चलते जम्मू-कश्मीर में आरटीआई और सीएजी जैसे कानून लागू नहीं हो सकते थे.

सम्बंधित ख़बरें

नए कानून से कश्मीर में क्या बदला-
इस नए कानून के लागू होने से जम्मू-कश्मीर में कई सारी चीजें बदल गई हैं. अब जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाएं लगभग खत्म हो गई हैं. सूबे के बाहर के लोगों के लिए जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदना आसान हो गया है. इस कानून के पहले दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते थे. इतना ही नहीं, केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विकास की रफ्तार तेज हुई है. पर्यटन की संख्या भी बढ़ी है.

अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर का अपना कोई संविधान और झंडा नहीं है. अब सरकारी कार्यालयों पर सिर्फ तिरंगा फहराया जाता है. 

महिलाओं को घरेलू समानता का अधिकार मिला है. नए कानून से पहले जम्मू-कश्मीर की महिला गैर-स्थानीय से शादी करती थी तो वो यहां संपत्ति खरीदने का अधिकार खो देती थी. लेकिन नए कानून में उनको सारे अधिकार मिल गए हैं.

ये भी पढ़ें: